झूठ

माँ ही है संतान मोह में, सबसे से लड़ जाती है| जिसकी माँ खुद जज वकिल बने, उन बच्चों की हार नहीं हो सकती है|…

कंघी

कविता- कंघी —————— कभी इसको रख गोदी मे रोटी देती थी, कभी इसको काजल कंघी तेल कराती थी, कभी इसको कंधो पर रख कर, मेले…

लायक

रोया हूं बहुत चादर में मुंह छुपा कर के, लायक हूं ना लायक नहीं, जो मरा नहीं किसी के प्यार में, गले में रस्सी का…

बेदर्द

बेदर्दो से मत आस लगाओ, कि तुम्हारे दर्द के मल्हन बनेंगे| पराए काम आ सकते हैं, वक्त पर अपने साथ छोड़ जाएंगे|

जख्म

हर जख्म छिपा करके हंसने की कोशिश कर रहा हूं| काश समझ लिया होता उसे भी, जो अब समझने की कोशिश कर रहा हूं|

बादशाह

कविता- बादशाह ——————— सजग प्रहरी बनने के लिए, फिर से कलम उठाया हूं… अब हमें रोक लो, लोकतंत्र के बादशाहो तुम! ना धरना पर बैठूंगा…

पिता का सपना

हे प्रभु भक्त तेरा हूं, मत दे दुनिया की दौलत मुझको| दे जा मुझको अनमोल खजाना, ना इसके सिवा कुछ चाहत मुझको| कई पीढ़ियों से…

परख

तेरे प्यार का दर्पण हूं, मुझे पर रखना छोड़ दे| कब तक सताएगी तू मुझे, अब मुझे परखना छोड़ दे|(1) इश्क किया हूं कोई गुनाह…

कलम

बादशाह बनने के लिए, कितने झूठ बोलोगे| जमाना आपका भक्त होगा, पर मेरी कलम की धार से रोओगे| ✍✍✍✍✍✍✍✍✍ मेरी कमी बताने का कष्ट करें

बहन

कविता- बहन ——————- पता उसे तेरा बसेरा, डाल पे किससे होता है| यह भी पता था आना जाना, कब कब तेरा होता है| बोल सकी…

विद्या

कविता -विद्या ——————– प्रेम करो तुम विद्या से, जीवन कांटों में खिल जाएगा| जो विद्या को ना चाहे ओ पाछे पछताय| चढ़त जवानी गदहा बने,…

कविता

कविता- ज्योति पासवान ——————————– आज लूटी है उस की ज्योति ,कल तेरी ज्योति लूट जाएगी| आंख की ज्योति , घर की ज्योति! ज्योति चाहे जिसकी…

वजह

कविता- वजह ——————- तन मे तुम हो, मन मे तुम हो दिल में तुमको रखता हूं| चाहे जितना मुझे भुलाओ, निस दिन तुम पर मरता…

डर था

कविता- डर था ——————— पागल था पागल हूँ पागल ही रहुंगा, यह तुम्हारी सोच है| तेरी नजरो मे , सब कुछ था| बस इंसान नहीं…

चादर

कविता- चादर —————— रुक रुक सुनले जरा फिर, फिर से मै आता हूँ| सर सर टप टप आंसू बहता , रिम झिम सावन जस होता||…

पहला प्यार

कविता- पहला प्यार ————————– ना शीतल मे चांद अजोरी, ना खुशबू मे बेला है| प्यास लगी पानी की जहर मिल गया | मांगा जिसे दुआ…

पहचान

कविता- पहचान ——————– सुन्दरता मे सुन्दर हो, खुदा की बनाई मूरत हो, खुद पे इतना निर्भर हो, जब जब कोई समझाये अपने बच्चों को, बस…

दुआ

कविता- दुआ बदुआ या समझ, या दुआ तु समझ| जैसा कहके है छोड़ी मुझे, वैसा पाके समझ| जो दिया है मुझे, वही देता तुझे| खुशियाँ…

माखन

कविता- माखन ———————— नटखट लाला नयनो के तारा, छोड़ दे तू सब काम निराला| मैं सह लूंगी बात तुम्हारी, आए शिकायत रोज तुम्हारी| सुन सुन…

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