तुम रहो तो,

आज कुछ हुआ है मेरे सनम को,-२ पास आके कहती है भुल जाओ हम को, आज कुछ हुआ.••••• यु नदी बन मुझे दुर तक बहाया…

“इलाज” #2Liner-111

ღღ__कुछ इस तरह भी करता है “साहब”, वो मेरे दर्द का इलाज; . कि पहले घाव देता है, फिर अपने आंसुओं से धोता है!!…..‪#‎अक्स‬

दो दिल

झुकी-झुकी सी नजरे उसकी जैसे है तीर चलाये साह-ए-दिल घायल हुआ खुद के जख्मी दिल को सहलाये

सड़क का सरोकार

।। सड़क का सरोकार ।। : अनुपम त्रिपाठी सड़कें : मीलों—की—परिधि—में बिछी होती हैं । पगडंडियां : उसी परिधि के आसपास छुपी होती हैं ॥…

” दर्द “

गलतफ़हमीं में जी रहे हो ‘हुज़ूर’ दर्द क्या होता हैं तुम्हें क्या मालूम, ज़रा पूछो उनसे जिनके अश्कों को पलकों का सहारा नहीं मिलता,

“आवाज़”

ღღ__कौन-सी दुनिया में रहते हो, तुम आज-कल “साहब”; . जो सपनों में भी तुम तक, मेरी आवाज़ नहीं जाती!!….#अक्स

नींद

बड़ी बेदर्द सी रातें है काफ़ी सुन के सोता हूँ, जहाँ तुम याद आती हो , वहीं चुपके से रोता हूँ| ये रोने और सोने…

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