“नींद” #2Liner-42

January 15, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ___हाँ ये सच है की हम जागेंगे, उम्र-भर तन्हा तेरे बगैर;
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मगर नींद तुझको भी नहीं आएगी, किसी और की बाँहों में!!…..#अक्स
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“खुशनसीब” #2Liner-41

January 14, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ___अब ये कैसे कह दूँ “साहब”, कि खुशनसीब नहीं हूँ मैं;
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आखिर एक अरसे से उसको अपना, नसीब कहता रहा हूँ मैं !!….

#अक्स

“ताबीज़” #2Liner-40

January 13, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ___कोई ताबीज़ आता हो, तो पहना दो मुझको “साहब”;
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तुम्हारे इश्क़ का जूनून, अब सर से उतर रहा है !!…….‪#‎अक्स‬

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“लम्हा” #2Liner-39

January 12, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ___मैं हँस रहा था जिस लम्हे में, बस अभी-2 तो गुज़रा है;
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और लोगों से सुना है, गुज़रा हुआ वापस नहीं आता !!……‪#‎अक्स‬

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“ख्याल” #2Liner-38

January 11, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__तुमने रोका है इनको “साहब”, या हम भूलने लगे हैं अब;
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कि अब ख्याल भी तेरे, हमसे मिलने नहीं आते !!………‪#‎अक्स‬

“गम” #2Liner-37

January 10, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ___कुछ इस तरह से आकर, गम लिपट रहे हैं मुझसे;
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कि जैसे हर एक दरिया, समन्दर से जाके मिलता है!!……‪#‎अक्स‬

“गुमराह ” #2Liner-36

January 8, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__ज़रा देखो तो निकल के “साहब”, अब तक वो आए क्यूँ नहीं;
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कहीं ऐसा तो नहीं रस्तों नें, उन्हें गुमराह कर दिया !!……..‪#‎अक्स‬

“निगाह-ए-इश्क़” #2Liner-35

January 6, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__अक्सर भीग उठती हैं “साहब”, पलकें तेरी नज़र-अन्दाज़ी से;
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निगाह-ए-इश्क़ पे कोई फ़र्क, ज़माने का नहीं पड़ता !!………‪#‎अक्स‬

“हद” #2Liner-34

January 5, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__ना जाने कैसे तुझको, “बे-हद” चाह बैठा “साहब”;
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ये दिल जो अक्सर मुझको, मेरी “हद” बताता था !!………‪#‎अक्स‬

“इन्तजार” #2Liner-33

January 3, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__नज़रों को इंतज़ार की, सजाएँ इतनी भी ना दो “साहब”;
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ये बारिशें बिन मौसम की, हमसे अब देखी नहीं जाती !!…….‪#‎अक्स‬

“आगाज़” #2Liner-32

January 1, 2016 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__आगाज़ तो इस बरस का, लाजवाब हुआ है “साहब”;
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बस यही अन्दाज़, मेरे अन्जाम तक बनाये रखना !!……#अक्स
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समस्त मित्रों एवं शुभचिंतकों को नूतन वर्ष २९१६ की हार्दिक शुभकामनाएँ !!

“देखा नहीं जाता” @2Liner-31

December 31, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__दूर आप जा रहे हो ‘साहब’, या फिर ये दिसम्बर;

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कोई भी दूर जाये हमसे, ये देखा नहीं जाता !!…….

#2Liner-30

December 30, 2015 in शेर-ओ-शायरी

कुछ तो खता तुम्हारी, बेशुमार यादों की है ‘साहब’;
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ღღ___यूँ ही बे-सबब कोई, आवारा नहीं होता !!…….‪#‎अक्स‬

“आवारगी” #2Liner-29

December 29, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__इक उम्र गुज़ारी है आशिक़ी में, तो जाना है;
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कुछ नहीं मिलता, इसमें इक आवारगी के सिवा !!……..‪#‎अक्स‬

“साँसें”

December 28, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__बाकी हैं चन्द साँसें अब, बेज़ार से दिसम्बर की;
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एक नए दिन की तलाश में, पूरा साल ही जा रहा है !!…….‪#‎अक्स‬

“ठंड” #2Liner-28

December 27, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__माफ़ करना पर आज, कोई शायरी नहीं है “साहब”;
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कि रिश्तों की ठंड में, लफ्ज़ भी जम गये मेरे !!……..‪#‎अक्स

” फैसला” #2Liner-27

December 26, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__मेरे गुनाह-ए-इश्क़ का, कोई फैसला तो सुना दो “साहब”
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इस दिल को समझाने में, कुछ वक़्त भी तो लगता है!!…..‪#‎अक्स‬

“सितम” #2Liner-26

December 23, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__जो तुम कर रहे हो “साहब”, सितम की इन्तहा नहीं तो क्या है;
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कि दूर भी जा रहे हो मुझसे, वो भी ज़रा-ज़रा कर के !!………‪#‎अक्स‬

“वफ़ा” #2Liner-25

December 22, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__भला और क्या दूँ तुझको, सुबूत अपनी वफ़ा का मैं;
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कि ख़ुद का भी ना हुआ हूँ, जबसे तेरा हुआ हूँ मैं !!…….‪#‎अक्स‬

“ख्वाहिशें” #2Liner-24

December 21, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__शायद ये आँखें मूँद लेने का, सही वक़्त है “साहब”;
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कि रोज़ ख्वाहिशों का मरना, हमसे अब देखा नहीं जाता !!……‪#‎अक्स‬
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“बेबसी” #2Liner-23

December 20, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ये सर्दियों का मौसम, और ये तन्हाईयों का आलम;
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कहीं जान ही ना ले-ले, इनसे मिलके बेबसी मेरी !!……‪#‎अक्स‬
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“याद” #2Liner-22

December 19, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__इस कदर भी याद, ना आया करो “साहब”;
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मेरी खुशियों की नींद में, खलल पड़ता है !!…….‪#‎अक्स‬
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“गुनाह” #2Liner-22

December 17, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ___तुझको पाने की कोशिश भी, तू जो कह दे तो ना करूँ;
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पर पाने की आरजू रखना, तो कोई गुनाह नहीं !!………‪#‎अक्स‬

कोई मेरा नहीं होगा !!#2Liner-21

December 16, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__कुछ इस तरह से लिक्खा है, उस ख़ुदा ने मेरा नसीब;
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कि मैं तो सबका हो जाऊंगा “साहब”, कोई मेरा नहीं होगा !!…….‪#‎अक्स

“वक़्त तो लगता है !!”

December 15, 2015 in ग़ज़ल

मोहब्बत से नफरत तक आने में, वक़्त तो लगता है;
जागती आँखों को सुलाने में वक़्त तो लगता है!!
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इतनी जल्दी कहाँ से सीखा, तुमने रक़ीबों-सा हुनर;
अपने महबूब को रुलाने में, वक़्त तो लगता है !!
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अब ऐसी भी क्या जल्दी थी, हमसे दूर जाने की;
और जा ही चुके हो, तो भुलाने में वक़्त तो लगता है!!
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हम भी वक़्त दे रहे हैं सबको, आस्तीनों से निकलने का;
अभी तो ख़ुद से रूठे हैं, मनाने में वक़्त तोलगता है!!………‪#‎अक्स‬

“मैं आदमी-सा था”

December 13, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

सूरत तो उसकी देखी, पर सीरत नहीं देखी;
ღღ_है मेरी खता ये, कि मैं आदमी-सा था !
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ღღ_वक़्त के साथ उनके, बदला किये ख्याल;
इन हालात में बिछडना, तो लाज़मी-सा था!!……‪#‎अक्स

“लालच” #2Liner-19

December 12, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__वो तो लालच है उनके ख्वाबों का, जो हमें सुला देता है “साहब”;
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वरना नींदें तो उनकी यादों ने, एक अरसे से उड़ा रक्खी हैं !!…….‪#‎अक्स‬

“Love”

December 12, 2015 in Uncategorized

My friend says, love never dies,

She wants from me, only sacrifiec,

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I was a mad, who fell in love,

It’s all waste, mind gave advice,

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Now a days, she wants to come back,

what I do ‘AksS’, for love’s sake !

“अजनबी” #2Liner-18

December 11, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__हमको सताने के मौके, वो छोड़ते नहीं हैं “साहब”;
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कल ख़्वाब में भी आए, तो अजनबी बनकर !!…….‪#‎अक्स
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“ღ महबूब ღ”

December 9, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

मेरे महबूब के जलवों की तो, पूरी दुनिया ही दीवानी है,

ये जहाँ जो इक गुलिस्ताँ है, इसकी वो रात-रानी है;

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चाल है गज़ालों सी, रुख में मौजों सी रवानी है,

होंठों पे शबनम का बसेरा है, आँखें मैखानों की निशानी हैं;

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रंगत में धूप सी चमक है, जुल्फें हैं स्याह रातों सी,

जहाँ भर के हसीनों में, उसके चर्चे ज़ुबानी हैं;

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माना ये ख्वाब दिलकश है ‘अक्स’, ज़द में रह के देखो तो अच्छा है,

अमूमन तो ये ख्वाब पूरे नहीं होते, हो जाएँ तो ख़ुदा की मेहरबानी है!…….#अक्स

“इन्तजार”

December 9, 2015 in शेर-ओ-शायरी

“इन्तजार” ! बहुत ‘मतलबी’ लफ्ज़ है ना ‘साहब’ ??
ღღ__रख लो तो अमानत, दे-दो तो इक ज़मानत;
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ღღ__चाहो तो मोहब्बत, सोचो तो सिर्फ नफ़रत,
काट तो दो तो इक उम्र, और जी लो तो ज़िन्दगी !!……‪#‎अक्स

“इन्तजार” #2Liner-17

December 8, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ___ज़िन्दगी तो कटती जा रही है “साहब”, इन्तजार की कैंची से;
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और सिलसिला-ए-इन्तजार है, कि कटता ही नहीं कभी !!…….‪#‎अक्स

“आसमाँ” #2Liner-16

December 7, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ__इक परिन्दा हो के भी, अब उड़ नहीं सकता;
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कि मेरे साये ने ही मेरा, मेरा आसमाँ चुरा लिया !!……..‪#‎अक्स‬

“क़ैद” #2Liner-15

December 6, 2015 in शेर-ओ-शायरी

कुछ इस तरह ख्याल उसका, मेरी डायरी में क़ैद रहता है;
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ღღ___जैसे मेरा वजूद, मेरी शायरी में क़ैद रहता है !!…….‪#‎अक्स

“मोहब्बत” #2Liner-14

December 5, 2015 in शेर-ओ-शायरी

क़यामत के रोज़ फ़रिश्तों ने, जब माँगा हमसे ज़िन्दगी का हिसाब;
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ღღ__ख़ुदा, खुद मुस्कुरा के बोला, जाने दो, ‘मोहब्बत’ की है इसने!!……#अक्स

“तारीख़” #2Liner-13

December 4, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ__हमको भी अपनी बारी का, इंतज़ार रहेगा “अक्स”;
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लोग कहते हैं तारीख़, खुद को दोहराती ज़रूर है !!………‪#‎अक्स‬

“अक्स” #Liner-12

December 3, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

वो मुझमें बस गया है ‘साहब’, आईने में “अक्स” की मानिन्द;
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ღღ___नज़र के सामने होकर भी, अक्सर सामने नहीं होता !!…….‪#‎अक्स‬

“ऐतबार” #2Liner-11

December 2, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ__मेरे मनाने से आखिर, क्यूँ लौट आएँगे वो भला;
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वो छोड़ कर ही न जाते, अगर ऐतबार होता !!……..‪#‎अक्स‬

“ख़ामोशी” #2Liner-10

November 30, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ___कल मेरी ख़ामोशी का उसकी यादों से, झगड़ा हो गया “साहब”;
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और शोर इतना हुआ दिल में, कि नींद जागती ही रात भर !!…..#अक्स

“ख़ुशी” #2Liner-9

November 29, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ___अच्छे-बुरे का हिसाब, हम नहीं रखते “साहब”
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हम तो बस वो करते हैं, जिसमें तुमको ख़ुशी मिले !!…….‪#‎अक्स‬

“रातें” #2Liner-8

November 28, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ___सवाल तो बे-आवाज़ रातों का है “साहब”;
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दिन तो गुज़र ही जाता है, ज़रूरतों के शोर में !!…….‪#‎अक्स‬

“ऑंखें ” #2Liner-7

November 27, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ___मेरी आँखों में जो क़ैद है “साहब”, वो समुन्दर ही है शायद;
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कि सूखता भी नहीं, बहता भी नहीं, बस भरा ही रहता है !!…….‪#‎अक्स‬

“हासिल” #2Liner-7

November 26, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ___हासिल-ए-इश्क़ के बारे में, सोंचता हूँ जब भी ;
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तेरा मिलना याद आता है, तेरी बेरुखी नहीं !!………..‪#‎अक्स‬

“तजुर्बा” #2Liner-6

November 25, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ__लोग कहते हैं, इश्क़ मत कर, आखिर इश्क़ से क्या होगा;
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अरे कुछ हुआ तो ठीक है “साहब”, ना हुआ, तो तजुर्बा होगा !!……..‪#‎अक्स

ღ दर्द ღ #2Liner-5

November 24, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ__दर्द की चाशनी में, डुबोना भी पड़ता है “साहब”;
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महज़ इल्म की शायरी में, मिठास नहीं आती !!……..‪#‎अक्स‬

“इल्म = ज्ञान”

“किताब” #2Liner-3

November 23, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ__हम वो किताब थे “साहब”, जो कभी पढ़े ही नहीं गए;
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काश, हमपे भी नक़ाब-ए-जिल्द, अच्छी चढ़ी होती !!…….‪#‎अक्स‬

“क़त्ल” #2Liner-3

November 22, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ__नींद आँखों तक आने में, अब डरती है साहब;
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इक रात इनमें कुछ ख्वाबों का, क़त्ल हो गया था !!……..‪#‎अक्स‬

ख़्वाब !! #2Liner-2

November 21, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

ღღ__मेरे ख्वाबों की इक झलक, देखने की कोशिश तो करो कभी;
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खुद-ब-खुद समझ जाओगे, तुमने क्या खोया है, इक मुझे खोकर !!…..‪#‎अक्स‬

वादा !!

November 20, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

ज़िन्दगी से उम्मीद, कुछ ज्यादा ही सही,

‘सब-कुछ’ खोकर, “कुछ” पाने का इरादा ही सही;

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मिलना, ना-मिलना तो, उस खुदा क हाथ में है,

तू मिलने का वादा तो कर, एक झूठा वादा ही सही !!……#अक्स

#2Liner

November 16, 2015 in शेर-ओ-शायरी

ღღ__दरवाज़े की हर आहट पर, चौंक कर उठने वाले;
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अक्सर तमाम रातों के, जागे हुए होते हैं !!…….‪#‎अक्स‬

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