जुनून था तुमको हरगिज यार !!
गज़ल ****************** सुना तुमने नहीं हमको, सुना हमने नहीं तुमको मगर महसूस करते थे हर एहसास में तुमको जुनून था तुमको हरगिज यार! औरों की…
गज़ल ****************** सुना तुमने नहीं हमको, सुना हमने नहीं तुमको मगर महसूस करते थे हर एहसास में तुमको जुनून था तुमको हरगिज यार! औरों की…
तुमने कहा तो कम से कम मैं हूँ ना यही सोंच रही थी मैं कि कोई है ही नहीं अपना जो पूंछे हाल हमारा और…
पत्थर में डाल प्राण सेतु हम बनायेंगे माझी हैं मजधार के पार ही हो जायेगे ना रुकेंगे हम कभी आगे बढ़ते ही जायेगे सूर्य की…
लिखकर अपने मन की पीर बोझ करूं मैं हल्का रोकर मिलता बड़ा सुकून लगता दिल को अच्छा आँसू से सींचू मैं जख्म हरे-भरे लहूलुहान हुए…
कुदरत का अनमोल रत्न ******************** कुदरत का अनमोल रत्न है ये जीवन जब हों फूल से रिश्ते तो महकता है जीवन अगर हों बेनाम से…
मुझे लिखना कैसे आया ? अक्सर ये सवाल कर बैठते हैं लोग मैं कवियित्री क्यों बनी यही जानना चाहते हैं लोग पर कोई ये क्यों…
आँसू बहाते रहे हम रातभर इन्तजार करते रहे कोई आकर पोंछेगा ! कोई हाल तक पूंछने नहीं आया सिस्कियां कमरे के बाहर तक जाती रहीं…
सुख की तलाश में हम अनगिनत इच्छाओं की पूर्ति करते रहे आशाओं के अम्बार लगाते रहे परंतु सुख तो केवल आत्मा की संतुष्टि से ही…
बेगाने हो गये हैं लोग अब कतराने लगे हैं लोग अपने साये से भी अब कोई उम्मीद ना रही जाने क्यूं इतना दिल दुःखाने लगे…
प्यार के हजारों रंग देखे मगर उन सभी रंगों में आत्मीयता का अभाव ही मिलता है लौटकर फिर तुम्हारे पास आ जाती हूँ फिर से…
१० दिसम्बर १९४८ ई० को संयुक्त राष्ट्र सभा ने संयुक्त रुप से मानवाधिकारों की घोषणा को अंगीकृत किया गया… जिसमें प्रस्तावना और ३० अनुच्छेद हैं…
मांग की सिन्दूर रेखा ****************** हर सुबह बड़े स्वाभिमान से सजाती हूँ अपनी मांग में लाल सिन्दूर मेरे रूप लावण्य में मैं स्वयं एक वृहद…
ढूंढो मेरा प्रेम पथिक ! जाने कहाँ खो गया है कंकड़ीली-पथरीली राहों में विस्मृत-सा हो गया है उदासीन राहों में राही तुम भी भटक ना…
पलकों पर सजे थे सपनें मैं थी नींद के आगोश में, वो आया सपनों में मेरे बोला मुझसे हौले से; पी लो रानी! प्रेम का…
नाखूनों से नोंच जमीं मैंने बोया है मेहनत का बीज हलधर हूँ कहलाता चाहे कह लो पीर-फकीर पीता हूँ कुआं खोदकर पानी बीती निर्धनता में…
तुम्हारी मौजूदगी को नजरंदाज करता है दिल बड़ी मुश्किल से संभलता है दिल साँसों से ज्यादा तेरी धड़कन में हूँ यही आजकल महसूस करता है…
आज अपनी बात करो मेरी बात रहने दो नींद नहीं है आती एक अर्से से मुझे जुल्फों में सुला लो तहकीकात रहने दो मुलाकातों के…
आवारगी में हम क्या से क्या कर गये ! देते रहे मोहब्बत और हम बेवफा हो गये, जाने कैसे डूबा तेरी आँखों में मैं !…
आज उठाई कलम है मैंने वीरों की तलवारों-सी पंक्ति है मेरी इतनी पैनी नैनों की तेज कटारी-सी चलती है जब कलम हमारी स्याही कम पड़ी…
हाथ पकड़ा दो कलम मैं लिखती जाऊं हर लफ्ज को तेरे हर एहसास को, मेरी हर एक पीर को आवाज दूं गर तुम सुनो !…
निम्नकोटि की कवि हूँ मैं !! हाँ, थोड़ी पागल हूँ मैं जाने कितनी खामियां मुझमें फिर भी सब कहते हैं अच्छी हूँ मैं ! मैं…
हो जाए जो तेरी मेहर तो चमक उठेगी किस्मत मेरी पड़ा तम में स्वप्न जो दीप्तिमान हो जायेगा इस गरीब की कुटिया में आशा का…
भार्या ********** मैं तुम्हारी भार्या हूँ संगिनी पथ की रहूंगी कष्ट ना होगा तुम्हें सारे दुःख मैं खुद सहूंगी बोलता है मन ये मेरा तुम…
जब-जब चलना सीखा हमने लोगों ने रोड़े ही लगाये खुशी के आँसू निकल ना पाए दुःख ही दुःख हमने अपनाए जाने क्या है भाग्य में…
सिलसिले वार दम टूटता गया उम्मीदों का अब क्या करेंगे हम सुनहरे सपनों का अब तो अपना जीवन भी किराये का लगता है क्या करेंगे…
बाँसुरी की तान पर राधा दीवानी हो गई मीरा दीवानी हो गई प्रज्ञा’ दीवानी हो गई छेंड़ता मुझको है नटखट नंदबाबा का दुलारा छोंड़े ना…
छलना ही सीखा जीवन भर अच्छे कर्म कहाँ कर पाए जीवित होते पौधों को हम नेह का नीर कहाँ दे पाए पीर की चादर तान…
बेजान हुए पत्तों-सा जीवन भूमि पर आकर बिखर गया वृक्ष की डाली रही अकेली पत्ता भी पीला पड़ गया यह सब देख के वृक्ष ने…
जीवन की आड़ी-सीधी रेखाएं बनती और बिगड़ती रहती हैं… देख के कर्मों की गति ये कभी हँसतीं तो कभी रुवासी रहती हैं… पथ पर अपने…
ऐ काश! कोई तो होता जो बांहों में ले लेता कहता मुझसे दो बातें सबकुछ मेरा ले लेता मुझ बिन ना कटती रातें मुझ बिन…
हाय रे ! कितनी लोभी दुनिया हाय रे ! कितनी लोभी… अपनी इज्जत बाजारू कर घर की चलती रोटी… हाय रे ! कितनी लोभी दुनिया…
क्यूं इतना वैमनस्य बढ़ा है ?? दिल में बम-बारूद भरा है.. मुँह से तो बोले मीठा-मीठा मन में कितना पाप भरा है लुटा दी हमनें…
बिटियारानी ! अब तो आओ कहां छुपी हो ये तो बताओ ढूंढ नहीं पाऊंगी अब तो नहीं सताओ सामने आओ लुका-छिपी अब बहुत हुई तेरी…
रोटी की लालसा में भटकते रहते हैं दर-दर की ठोकरें खाते रहते हैं रोटी की कीमत क्या होती है यह सिर्फ हम ही समझते हैं…
जिम्मेदारी के बोझ तले दबा रहता है जीवन जाने किन खयालों में खोया रहता है जीवन उठकर तलाशती हूँ मैं जमीं अपनी आसमां जाने क्या…
आज विश्व एड्स दिवस है जो HIV के संक्रमण से जागरुकता हेतु मनाया जाता है… यह आठ सरकारी स्वास्थ्य दिवसों में से एक कहलाया जाता…
ऐ वतन ! तुझ पर हम अपनी जान लुटा देंगे तेरे कदमों में आसमां भी झुका देंगे गर आबरू पर तेरी आँच आई कभी दुश्मन…
तुम्हारा वो sorry वाला मैसेज पढ़कर जाने क्यूं आँख में आँसू आ गये ! सुनने में तो बहुत अच्छा लगा कि तुम्हें अपनी गलती का…
क्या करना है मुझे यहां ठिकाना बनाकर मन चंचल है लगता है कहाँ एक ही जगह पर बदलकर फिर आऊंगा वेश मैं अपना घायल परिंदा…
नई सुबह की पहली किरण ने मुझे जगाया हिलोरे देकर चांदनी रात ने था सुलाया हटाये पर्दे जब माँ ने खिड़कियों से धूप की चमकती…
मन के घाव भी भरने जरूरी हैं तेरे-मेरे नैन भी मिलने जरूरी हैं आकाश से धरती के जो हैं फासले तय हैं बरस कर बूंद…
समवेत स्वर में जय हिंद बोल दो कभी प्यार के पट खोल दो कभी ये मुल्क तुम्हारा ही है दोस्त! इसे प्यार और सम्मान से…
मेरा गम तेरे दर्द से ज्यादा है मेरी आँख में आँसू तुझसे ज्यादा है एक बार देकर प्यार की थपकी सुला दे साथी ! मेरे…
वो ऐसा सोंच भी कैसे सकते हैं मेरे देश के ही दुधमुहे बच्चे हैं पर करें भी तो हम क्या करें वह दहशत गर्दों के…
ताश के पत्तों की तरह बिखर गई मैं जब तूने कहा मैं तेरा नहीं किसी और का हूँ…!!
मंगलसूत्र को सुहाग का प्रतीक माना जाता है जाने क्यों ऐसा कहा जाता है?? बचपन से यही सोंचती थी मैं पर आज देख भी लिया…
दहेज प्रथा एक अभिशाप ********************** बूढ़ा बाप अपनी पगड़ी तक निकालकर दे देता है और माँ अपने कलेजे का टुकड़ा पर फिर भी नहीं भरता…
छोंड़ दो इस बुढ़िया को किसी वृद्धाश्रम में यह सुनकर मुझको थोड़ा गुस्सा आया एक दिन फिर तंग आकर पत्नी से वृद्ध माँ को आश्रम…
जला दिया क्यों मुझको ओ साजन! ऐसी क्या गलती कर बैठी थी मैं तो अपने सास-ससुर की पूजा देवों सम करती थी ननद को अपनी…
जख्म अपनों ने दिल पे हर बार कर दिये अपने ही शहर के बच्चों ने हम पर पथराव कर दिये दर्द उस दम बढ़ा मेरा…
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