शिशु सुधार की चाह
शिशु सुधार की चाह में रहते हर जन खुद चाहे रहा बिकर्षित उनका जीवन ब्यर्थ चिंतित हो उल्झाता जन निज मन धरा अवतरण हेतु सबका…
शिशु सुधार की चाह में रहते हर जन खुद चाहे रहा बिकर्षित उनका जीवन ब्यर्थ चिंतित हो उल्झाता जन निज मन धरा अवतरण हेतु सबका…
आगे बढ़ने की होड़ जन कठिनता का कारण सीखने-सिखाने की प्रवृति बना नर उत्तमता करता धारण बीती बातों से नफ़रत पलता इंसान तो हर दिन…
खाली दिमाग शैतान का खाली बैठे रहे बेईमान निकम्मे निठल्ले हरामखोर वे किसी सूरत में नहीं किसान रंगे सियारों जैसे बनकर शरीफों को कर रहे…
स्वर्णिम किरणों के रेशमी तार मन सबके मनके जैसे वो हार कितना उसको है मुझसे लाड़ सुर संगीत लिए आता सबके द्वार सुनते हैं ऊज्ज्वलता…
यूं ही नहीं मिलता किसी का साथ ये तो जन्मों जन्मों की अधूरी आश खेल कूद कर संगी साथी के संग खबर न हुई कब…
काम होता अवश्य मन में हर्षित रहो सबको शीष नबा कर्म में रत रहो आशीर्वाद से ही जीना होता आसान बड़े सत्य वही जिन्हें छोटों…
हद में रह ज्यादा न बोल फट जाए कहीं जैसे कोई ढोल बड़ा या छोटा समझ तो रख तूं है क्या निज को परख पिता…
बड़े का नाम बहुत ही है दुनियां में छोटी चीजें पर खुशी का है कारण नन्हीं नन्हीं चिड़िया जमी पर फुदकती हुई कितनों के मन…
अप्रमेय तथ्य है सदा से ही अविकल्प जीवन में शांति उन्हीं से पर है कायम प्रमाण सदन तो कुंठा से ही भरे हुए जीवन अवसाद…
सोंच अलग है याददाश्त विलग है अपनी चाहतों के लिए वो आज हमसे अलग हैं लाखों जमा कर दोस्तों ने सारी उम्र की कमाई गवांई…
आतंकियों के ठिकाने बदल रहे हैं शिकारियों के पैमाने बदल रहें हैं छिप-छिप के करते थे कभी ठगी जो लालच के उनके आशियाने बदल रहे…
सारे व्यापार को तेरा आधार संबंधों में भी तुझसे ही है प्यार तुझमें ही सब और सबमें प्रकट तूं फिर भी सब में क्यूं भरा…
रिश्ते क्षितिज की तरह मिले से प्रतीत होते हैं बंधन में बंधे लोग कब इक दूजे करीब होते हैं आकर्षण करीब लाता है विकर्षण भी…
दीप जलाओ और बस दीप ही जलाओ पटाखे जलाकर प्रकृति को मत चिढ़ाओ मन के अँधेरे को मिटाकर समझ का दीपक जलाना मकसद यही है…
अच्छाईं भाती है फिर भी जुबां गलत बोल जाती है ये कैसी मानव जाति है सामान तो हरदम है पास जब हो कुछ बहुत खास…
मार्गदर्शन से तेरे होते सब काम हो जब थकान तुझ में विश्राम हे प्रभु प्रीतम हे दया निधान आनंदित रहूं सदा करूं तेरा ध्यान सुबह…
हर बात की आखिर इक हद होती है सच लगता था कभी झूठ आज साबित हुआ अँधेरे में थी जिंदगी उजाले पर काबिज हुआ भविष्य…
नन्हीं कलियों से आस लगाना दुनियां की पुरानी आदत है तनहा मुंह मियां मिट्ठू रहकर खुशफहमी पालना आदत है संगत से खुद को बचाते जाना…
बे-कार हूं बे-रोजगार नहीं आदतों का शिकार नहीं शौक से नहीं परहेज मुझे तेरी तरह शौक का गुलाम नहीं इक सुई का किया आविष्कार नहीं…
सुंदरता के आकर्षण में बंध कोई इतना कैसे भा जाता है ईश्वर से मांग को हो धन्यवाद प्रार्थना से जीवन में लाता है पाकर इच्छित…
माया को रचा हमने प्यार का दीप जलाया जिनका था सहारा हमें उन्हें ही किया बेसहारा गौ माता को पूजते तब तक जब तक अमृत…
गुमनामी में गुजर गयी जिंदगी फिर भी न शिकायत कभी की जिनके लिए जी तोड़ मेहनत की उनकी बेरुखी ही हरदम सही फिर भी उदासी…
बचपन से संवेदनशील बच्चों में होशियार सब करते हुए भी लक्ष्य पर रहता ध्यान हरदम ही समझदार फिर भी क्यूं शिकार शायद घर में ही…
सपनों में आ जाओ फिर मुझे याद दिलाओ मेरा वो स्वार्थी मन तेरा वो भोला बचपन अनजान मेरी हर शैतानी कितनी थी तुझे परेशानी तेरा…
इक जमाना था लोग प्यार करते थे पर बताते न थे इक जमाना है प्यार का तो पता नहीं पर रोज ही जताते हैं प्रेमी…
अपनों से दूर हो हर इंसान खुद को भी भूल जाता है अपने करते हैं नित शिकायत पराधीन कहां सुख पहुंचाता है पारावत की तरह…
हर एक के लिए सुरक्षित सुनियोजित आयोजन फिर भी क्यूं हम करते रहते भविष्य का प्रबंधन दूरदर्शिता की हुईं हैं सभी को बिमारी वर्ष अंत…
सुंदरता सुख तो देती है पर साथ दुख भी आता है गुलाब के फूलों के साथ कांटा स्वयं चला आता है नये आकर्षण से बंधकर…
सच बोलने को हिम्मत चाहिए मीठा झूठ सभी को भाता है सच सदा से कड़वा होता है मधुमेह वालों को भी न सुहाता है तब…
अचरज में हूं मैं न जाने कब से भारी भरकम आदमी की बोली हल्की कैसे हल्के आदमी की बातों में वजन है कैसे चींटियां आंख…
दिन गुजर जाते हैं हम वहीं रह जाते हैं नये दिनों की तरह कहां नये हो पाते है पुराने जख्म मिले कहीं क्यों न भुला…
मनुष्य कहां कोई सम्पूर्ण जनता की नजर में सब अपूर्ण दुनियां जिन्हें पूजती बारम्बार स्वदेश में उनके निंदक हजार तिनके की तरह ठुकराई सत्ता कभी…
हर घर की खुशी व रौनक है बेटी उसी से दुनियां शुरू व खत्म होती किलकारी सब को हर्षा जाती हर मात पिता को ही…
बहुत ही है मुश्किल औरों में सुधार लाना बेहतर है खुद को ही निश दिन सुधारते जाना काम बहुत है सारे हर दिन पांव पसारे…
नम्रता ही तो है आभूषण हर्षित करता है सबका मन जीवन में कोई अवरोध नहीं प्रगति भी रुकता है कहीं कर्महीन का सहारा भाग्य उत्साही…
दुख के क्षणों में जो शख्श ऊबता नहीं सुख के क्षणों में अपनो को भूलता नहीं पुरुषों में है सदियों से ही अज्ञानता गलत संगत…
हर संतान है विशेष यहां अवसर भी भरमार है मालिक की नई रचना पुराने से हमेशा खाश है फिर भी हर पिता को पुत्र में…
समय के साथ समझ बदल जाती है चाहने वालों की चाहत बदल जाती है प्यार करने वाले गलतियां सहित अपनाते हैं भरोसा है जिसपर कभी…
प्रेम की परिभाषा नहीं जानते वो ही बढ़ चढ़ इसे बखानते चाहतें जो रही कभी हमारी वही चाहत रही होगी तुम्हारी इसलिए कभी मैं ऊब…
जीवन की अवस्था तीन सही बचपन का कोई जवाब नहीं आनंद भरा रहता तन मन पुलकित होता हरेक का संग शिशु मुख लगता प्यारा प्यारा…
चीनियों को चीनी की बीमारी चींटी की तरह रेंगते रहते खाने तक की है अक्ल नहीं पशु खा पशुता ही प्राप्त कर रहे अंत करना…
अध्य्यन-अध्यापन का बढ़ता व्यवसायीकरण राष्ट्र के पतन व जनता के घुटन का है कारण अत्याचार कोई जब हद से अधिक बढ़ जाता है प्रकृति तब…
जिंदगी को कहीं कैद कहीं आजाद देखा फिर भी न बदलता उसका स्वभाव देखा बुंद बनकर आसमां से लहराते आते देखा कयी बोझिल चेहरे को…
समय नहीं समय नहीं यह कहते थे लोग, लगता था यह ज़िन्दगी बन गयी एक बोझ. जीवन यूँ ही काम करते हुए बीत जायेगा, अपना…
प्रकृति की सुन्दरता इसलिए है कायम इसे कभी किसी से इश्क नहीं होता न ही ये कभी किसी के लिए रोता इसलिए शायद सबका प्यारा…
जीवनदायिनी चीजें ही तो अक्सर प्रचूरता में जिंदगानी ले लेती है अग्नि नित सब का चूल्हा चलाती भोजन को कितना मधुर बनाती अधिकता में स्वाद…
पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाकर प्रेम दिखाती है बिन मांगे अपनी झोली हमेशा ही भरा पाती है हर चीज समय से जुड़ी है प्रत्येक जगह…
एक ही प्रतिस्पर्धा में अलग अलग स्वाद मिलते हैं इसी से पर मुश्किल से मंजिलों के ख्वाब पलते हैं लक्ष्य है निर्माण कि स्वतंत्रता सब…
जब समझ न आता ऊंच नींच , अहंकारी हो जाता तन मन अग्रज हो की अनुज या पूज्य , व्यवहार सभी से होता सम निर्जीव…
हॉस्पिटलों का शहर है दिल्ली फिर इतने बीमार क्यों जनसँख्या बिखरी हमारी इमारतों का वहीँ भंडार क्यों यात्रायें चलती रहती आवागमन कभी थमता नहीं आमदनी…
Please confirm you want to block this member.
You will no longer be able to:
Please note: This action will also remove this member from your connections and send a report to the site admin. Please allow a few minutes for this process to complete.