प्रकृति
प्रकृति की सुन्दरता इसलिए है कायम
इसे कभी किसी से इश्क नहीं होता
न ही ये कभी किसी के लिए रोता
इसलिए शायद सबका प्यारा होता
चांद और सितारे सदा थे और रहेंगे
पेड़ पौधे सारे सदा थे और भी सजेंगे
आवागमन चक्रीय न थमा है थमेगा
दुनियां में हरियाली सदा मौजूद रहेगा
इंसानों ने कभी न फिक्र की है जिसकी
जरूरत से ज्यादा नष्ट की संपदा सृष्टि की
चेतावनी तो सदा मिलती रही है लेकिन
छोटों ने अब सीख अपमान की है बड़ों की
Sunder
सुन्दर अभिव्यक्ति
बहुत खूब
बहुत सुंदर प्रस्तुति
Nice lines