बड़ा हसीन रहा यह साल
सच कहूं तो बड़ा ही हसीन था यह साल, हर एक ने अपना रंग दिखा दिया…🐊🐍
सच कहूं तो बड़ा ही हसीन था यह साल, हर एक ने अपना रंग दिखा दिया…🐊🐍
बीत जाएगा यह वक़्त भी वक़्त कभी थमता नही अगर थमता तो वक़्त कहलाता नही एक दिन यह वक़्त इतिहास बन जाएगा इतिहास दोहराया जाता…
ब्रह्मचर्य है तो जिन्दगी है, अन्यथा जिन्दगी दुःखों का जड़ है ।। कवि विकास कुमार
वही रचेगा नया रचना जो पढ़ेगा किसी का रचना ————————- माना कविता लिखना होता है ईश्वरीय वरदान लेकिन कवि भी होता है एक प्रकार का…
यदि पढ़ोगो मन से किसी का कविता तो जरूर मिलेगा कुछ नया सीखने का संदेशा ————————————————— कवि सिर्फ वहीं नहीं है, जिन्हें इस धरा की…
vikashkrkamti4576@gmail.com मेरे लिए इतना काम करो मेरे दोस्त अपनी मौलिक रचना हमे EMAIL (vikashkrkamti4576@gmail.com) पर भेजो मेरे दोस्त — MOBILEमें चलती नही मेरे SAAWAAN REDEFINING…
पूरा जरूर पढ़े, मैं विकास कुमार, मोबाल सैमसंग जेड 2 , जिसमें सावन ऐप काम नहीं करता, हम अभी LAPTOP से लिख रहे हैं ।…
अनोखाजी चले बाजार। टौर से हो फटफटि सवार।। साथ में चली श्रीमति जी। चहक रहे थे आज पतिजी।। कितने अच्छे हैं टमाटर। आओ खरीदे साथ…
कृष्णा जी की प्यारी ,राधा न्यारी बसो मोरे मन मन्दिर बिहारी,संग वृषभानु दुलारी तुम बिन कोई ना ठौर हमारी, जाऊँ बलिहारी पल पल याद करूँ…
ब्रह्मचर्य के अभाव में हो रहा युवाओं का पतन अब कौन-सी शिक्षा देती व्यवस्था कि बलात्कार कर रहे हैं लोग ।। कवि विकास कुमार
उफ्फ़ ,यह सर्द हवाऐं मद्धम सा सूरज ना बाहर बैठा जाए ना भीतर चैन आए।
लगा दो फाँसी मुझे, मैं खुशी से झूम जाऊँगा । मैं भारत का लाल हूँ, अन्याय के विरूद्ध बिगुल फूँक दुँगा ।। कवि विकास कुमार
लेख:- ‘मातृभाषा एकमात्र विकल्प’ मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो अपनी बात दूसरों तक पहुँचाने के लिये भाषा का प्रयोग करता है। वह अपनी…
मार्गशीर्ष मास अतिपावन। उत्पना व मोक्षदा सुहावन।। सफला अरु पुत्रदा एकादशी। पौष मास मह बहु सुखरासी ।। षटतिला अरु जया बड़नामी। माघ मास के उत्तम…
बड़ी अजीब है ये घुँघरू। बन्धे जब दुल्हन के पैरों में बड़े खुशनसीब है ये घुँघरू।। झनकती जब ये कोठों पर बड़े हीं गरीब हैं…
आज नारी के पास क्या नहीं है। फिर भी पुरुष उसे अपनों से कमजोर ही समझ रहे है।जबकि,आज हमारी सरकार नारी के प्रति तरह तरह…
एक तो शीतलहर दूजा बेगाना शहर। फिर भी अटल रहेंगे हम किसान धरने पर।। हम क्यों माने हार बंधु हम तो हैं अन्नदाता जग में।…
सुप्रभात लिखते -लिखते फिर से सबेरा हो गया । उपालम्भ आया फिर भी आखिर ऐसा क्या हो गया?
ममता मूल दुखद तरुवर के ,नैनन नीर बहावे। निर्मोही जड़ जीव जगत में ,सुख सरिता बहावे।। श्वान शुका अजशावक जे , मरत मूढ़मति आवे। निश-दिन…
ममता मूल दुखद तरुवर के ,नैनन नीर बहावे। निर्मोही जड़ जीव जगत में ,सुख सरिता बहावे।। श्वान शुका अजशावक जे , मरत मूढ़मति आवे। निश-दिन…
लेके छठी मैया का प्रसाद हम आए आज सावन पे। मैया का गाए गुणा नुवाद देखो आज सावन पे।। जीवन में ना होवे विषाद अपने…
सुस्वागतम् पाण्डेयजी क्या आप में आकर्षण है मंच पर आने से सिर्फ सावा घड़ी पहले खींच लिया मेरे दिल से कविता। बीत गई वो रातें…
विविध आबम्बरो से दूर, श्रद्धा-आस्था से सरावोर महापर्व है छट्ठ, जन-गण है उपासक, आराध्य है दिनकर!
प्यार दूर की बात सम्मान कभी सपने में भी ना सोचूं तुम तो देखने से भी कतराए देख कर नज़र फेर ली फिर कहते हो…
जितने बदले नंबर तुमने —————————— जितने बदले नंबर तुमने हर नंबर तेरा मिल सकता , स्वाभिमान है बीच में आता है, क्योंकि तुने ही मुझे…
यादों में रहेगी —————— बेचैन सा रहता हूं, बन पागल फिरता हूं, मिल जाए मुझे पुनः, हर रोज दुआएं करता हूं, मान दी हमने कई…
तकिया ————- रोती रही कईयों दिन तक, दोस्त खबर भी देते रहें, हम भी रोते घर बैठे, जब कोई पूछे हाल मेरा, झूठी हंसी दिखाते…
भूल नहीं सकते ———————– भूल नहीं सकते वो रातें, वो मनहूस घड़ी थी या मेरी किस्मत फूटी, एक नादानी से जंग छिड़ी, जब से बिछड़े…
है गम नहीं कि, खर्च हो रहा हूँ, जिंदगी के सारे, मर्ज ढ़ो रहा हूँ, ज़रा मुगालते में था अब तक। अब सिर्फ अपने, सपने…
लतड़ पतड़ स्यां स्यां बल लतड़ पतड़ स्यां स्यां हाई रे मेरी फ्वां फ्वां नोना बेरोजगार छन अभी नि आई कालो धन लतड़ पतड़ स्यां…
हर पल लगता बहुत सीख लिया अब जीवन में भ्रम तोड़ जाती हर शाम इक नईं शिक्षा दे
कोराना से बल सबुकी हालत पस्त हुयीं च देश की अर्थब्यवस्था की भी हालत खस्त हुईं च रोजी रोटी कु जुगाड़ ह्वो न हो पर,…
कौन कहता है कि अपने उज्जल भविष्य हेतु सपने देखना या कल्पना करना गलत है? सपने देखो और जरूर देखो, अपपे उज्जवल भविष्य की कल्पना…
नहीं होता हर किसी के बस में रिश्तों को ताउम्र सम्भालना पड़ता है खुद को दांव पर लगाना।
सुस्वागतम् मैय्या आन बसो मोरे मन मन्दिर धड़कन मानिंद।
आबाद होने के लिए दोस्ती अच्छी है, ——————————————- बर्बाद होने के लिए एक तरफा मोहब्बत | ****************************
पुरुष नारी से हर एक क्षेत्र में पीछे है देने में भी और लेने में भी| कैसे?? ————————————— नारी ममता, प्रेम और त्याग देती है…
खूबसूरती चकाचौंध में नहीं मन में होती है इसीलिए कभी कोई चीज बहुत खूबसूरत लगती है तो कभी वही चीज बुरी भी लगती है… —————————————-…
उसके आँसू का संचय कर ईश्वर समंदर रचता है। प्रतीक्षा की पावन अग्नि में वो आहुतियों सा जलता है…!! जिसकी उदासी के रंग में ढलकर…
कभी दिशा, कभी निर्भया,कभी मनीषा ,नन्ही बच्ची कोई, बस नाम अलग-अलग,कहानी सबकी एक, हर घड़ी डर का साया, ना जाने मर्द तुझे किस बात का…
ओ कवि, जरा सम्भल कर लिखना यह कविता नही परछाई है तेरी आत्मा का प्रतिरूप यह तेरे अन्दर छिपी भावनाओं की प्रतीक है अच्छे या…
क़भी कोख़ में ही मार डाला उसे, कभी काट के फेंक दिया खलिहानों में!! कभी बेंच दिया उसे देह के बाज़ारों में , क़भी सरेराह…
सिक्के के दो पहलू समालोचना और आलोचना मन-पल्लवित होता सुन समालोचना वही रचना में आता निखार सुन आलोचना स्वीकारो ह्रदय से दोनों को एक समान…
कभी कभी मेरे मन के अंधेरे कमरे में न जाने किस झरोखे से चले आते हैं जुगनुओं से झिलमिलाते विचार…!! मैं अपना हाथ बढ़ाकर कोशिश…
समर्पण:- जबरदस्ती या प्यार कोने में दुल्हन बनी मै खड़ी थी, हाथों में सिंदूर की डिबिया पड़ी थी, वक्त था मेरे घर से विदा होने…
अरे भाई,चुनाव का वक़्त आया है , क्या करना है? कुछ भी करो, धर्म-धर्म खेलो, जाति-जाति खेलो, औरत संग अनाचार करवा लो, हर दुखती रग…
गुस्सा आने पर , इज़हार यूं भी किया जाता है. दरवाज़े को ज़ोर से, बन्द किया जाता है।। *****✍️गीता
कुछ दिल,कुछ धड़कन बन गया है,ना देखू एक पल तो मन बेचैन हो जाता है। कैसे एक मशीन जीवन का सार बन गई है,जैसे कोई…
सुनो! अपने घर की छत से देर तक जिस आसमान को निहारा करते हो न.. उस आसमान के एक छोटे से टुकड़े में अपने दिल…
किसी का आसरा नहीं करूँ मन में दंभ न भरूँ अभ्यर्थना है प्रभु बस तेरे पनाह में मैं रहूँ
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