रोटी
जब मिली रोटी किसी ने नखरा दिखाया जब मिली रोटी किसी ने भूख को मिटाया यह कैसी माया है तेरी भगवान् जब मिली रोटी किसी…
जब मिली रोटी किसी ने नखरा दिखाया जब मिली रोटी किसी ने भूख को मिटाया यह कैसी माया है तेरी भगवान् जब मिली रोटी किसी…
मेरे प्रिय बापू रंग गोरा काला कहकर रंग भेद की आग जलती हैं,तबतब इस चिगांरी बुझाने को मसीहा तेरी कमी खलती हैं।तब तब आगे बढ़ने…
संग संग चलती है सच्चाई और तन्हाई बयां की सच्चाई संग आई तन्हाई।
तुम दीया मैं बाती ही सही मैं बाती बन जली तुम बाती बदलते रहे।
संतरूपी कविजन आप हमारी खामियाँ को पढ़कर हमे खूब कोसे खूब परेशान करे, अच्छी बात है लेकिन कोई व्यक्ति इस संसार में किसी भाषा का…
किसी ने कहा है कि प्रेम की कोई जात नहीं होती, कोई मजहब नहीं होता ।मगर हर किसी की समझ में कहां आती है…
है बुद्धिदाता,बुद्धि का सबको दान करो। है चिंताहरण,संसार की सब चिंता हरो। है विघ्नहर्ता ,सृष्टि के सब विघ्न हरो। है पापहर्ता ,नर नारी के सब…
पपीहे की आस जैसी खुशी बच्चे के पैदा होने पर होती हैं ,शायद उससे भी ज्यादा खुशी किसान को बारिश होने पर होती हैं यही…
रोने वाले पापा मुकुल कितना भी गुस्सा हो ,मगर जब भी वह अपनी बेटी से मिलता हमेशा खुश और जिंदादिली दिखाता । दिनभर की…
एक दर्द ,अनकहा सा साल में कितने सारे मौसम आते हैं और चले भी जाते हैं, मगर जब भी वसंत और बारिश का मौसम…
सृष्टि कल्याण को कालकूट पिया था शिव ने, मैं भी जन्म से मृत्यु तक कालकूट ही पीती हूं। मैं स्त्री हूं। (कालकूट –…
वो मां का हाथ पकड़कर चलना, वो दौड़कर भाई का पकड़ना। वो दादी के किस्से कहानी सुनना, वो धागे में हाथ पिरोना। वो गर्मी में…
एक प्यारा सा सपना! है जिंदगी, तेरी जुल्फों का लटकना !है जिंदगी, तेरी आंखो का काजल! है जिंदगी, मैने कहा तू मेरी! है जिंदगी। तेरे…
मध्य प्रदेश की राजनीति का खेल बड़ा निराला था, पांच साल की सत्ता को दो वर्षो में ही मारा था। महाराज के सारे सपने एक…
पहले जब होती थी मुलाकात तो अधरों पर उभरी मुसकान देती थी दिखाई आज जब मास्क लगाऐ मिले तो वही खिलखिलाहट नज़रों ने सुनाई।
शिक्षक सम संसार में हितकारी ना कोइ। सकल सृष्टि के भाग्य का एक विधाता सोइ।। कहिए द्विज, शिक्षक, गुरु या कहिए उस्ताद। परमेश्वर को पूजिए…
बांवरी हुईं जा रही, सुन मुरली की बतिया, सुनी होती तान तो , क्या हाल होता, रसिया।
यह इतना धैर्य तुम कहाँ से लाएं तभी तो तुम शहीद् कहलाए शस्त्र तुम्हारे हाथ में था देश के मान के लिए अडे रहे अपने…
बहुत कष्ट सहे जिनका गोकुल में जन्म हुआ दुष्ट के साथ कूटनीति, गीता का ज्ञान दिया ना जाने कितने असुरों ने मारने का प्रयास किया…
दोष नहीं दर्पण का थोड़ा सदा सत्य दिखलाता है। कपटी क्रूर कपूत घमण्डी दर्पण को दोषी कहता है।। सत्य असत्य के चक्कर में पत्थर से…
मनमोहक छवि मनमोहन की और मनहर है हर लीला उनकी। आनन्दकन्द आनन्द सबन हित घर-घर चोरी की माखन की।।
आप सभी को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं
अभी और भी तीर हैं,तरकश में तेरे बाक़ी, हार से पहले रोता क्यूं है। इस युद्ध में तेरे विरूद्ध हैं कुछ लोग, कुछ लोग तेरे…
रंगों से ही समा बांधे जाते हैं, रंगों से ही ये ज़मीं आसमां जाने जाते हैं। जनाब पर अब तो रंग भी धर्म के नाम…
हर सुबह हर शाम मेरे मुख से निकले तेरा नाम हे राम हे राम हे राम।।
न तुमने देखे न मैंने देखा। बहते पवन को किसने देखा? जुल्फ चुनरिया उड़ते जब जब। बहती हवाएँ समझो तब तब।। बादलों को जो चलते…
दिल में लगा एक घाव हो गया हर प्रश्न का जवाब हो गया हमे पता ना चला शायद हमे भी उनसे लगाव हो गया !…
अपने खामोश लबों को कुछ शरारत तो दे दो। मुझे बात करने की थोड़ी इजाजत तो दे दो।।
हम कवियों की श्रेष्ठता का निर्णय जबसे सॉफ्टवेयर करने लगा, तब से हम इतने सुपरफास्ट हो गए, कि एक घंटे में बीस बीस कवितायें लिखने…
फिर याद आया मुझे, सावन के वो…. दो पहरी। भीग रहे थे हम दो, थी हमारे पास एक ही छतरी।। उनसे कभी चिपक जाना, फिर…
आज 14 जुलाई है, फरवरी नहीं जो तेरे लिए शायरी लिखूँगा मैं डूब चुका हूँ पहले भी किसी आँखों में अब बार-बार थोड़े ही डूबूंगा।
झुकी हुई नज़रें उतनी ही हसीन लगती हैं, जितना खुली हुई शराब की बोतल।
दौलत चाहे जितनी कमा लो पर शोहरत कमाने में जमाने लग जाते हैं।
सुविचार:- कभी-कभी अपनी बात पर अटल रहने से झुक जाना ही अच्छा होता है। जैसे जब आँधी आती है तो बड़े पेड़ गिर जाते हैं।…
यह विपक्ष की कैसी राजनीति? अपने आप ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारते हैं। अपने नेताओं की फोटो खुद ही फाड़ते हैं और जब उनके…
शीर्षक:- “जीने का लें संकल्प, आत्महत्या नहीं है विकल्प” आत्महत्या यानी खुद ही खुद की हत्या कर लेना।अपने आप ही अपने प्राण ले लेना अर्थात्…
झूठे थे वादे सभी झूठे तेरे इरादे भी लफ्ज़ भी शर्मिंदा है तुझे बयाँ कैसे करें कुत्सित तेरी सोच थी कुटिल थी फितरत तेरी लफ्ज़…
मैंने तुझे जितना समझाया तू क्यों उतना बिफरता गया तुझे राह सच की दिखाई जो तू क्यों फिर भी बिगड़ता गया तुझे सुलझाने की कोशिश…
ज़िन्दगी खूबसूरत है इसे खुल कर जियो छोड़कर द्वेष का भाव हँस कर सबसे मिलो किसी की कष्ट न दो मुस्कराहट की वजह बनो ज़िन्दगी…
फिर हुआ नई सुबह का आगाज़ है नया दिन नयी उम्मीदों का राज है चहचहाते पंछियों की गूंजती आवाज़ है सरसराती सुबह की ठंडी बयार…
खुशियों को आने का मौका दो कभी तो बेवजह मुस्कुराओ यक़ीनन बहारें लौट आएँगी तुम ज़रा धीमे से खिलखिलाओ ढलती उम्र सी हर पल ये…
वो सब्र का पाठ तो पढ़ाते थे बेसब्र ना हो,सब ठीक होगा ! फिर इम्तिहानों के दलदल में खुद बेसब्र हो,अकेला छोड़ जाते थे! हालातों…
खौफ खातीं है सर्द मौसम की हवाएं भी मुझसे सीने में दहकते सूरज सी जिंदादिली रखती हूँ हौसला परवान पर है उम्र हारी है ढलती…
गहनता से लिख रही हूँ मैं लफ्ज़ कम लगते हैं गर लिखने बैठो ज़िन्दगी की किताब चंद लम्हे फुर्सत मिली बाकी रहा ज़िम्मेदारियों का दबाव…
हर रोज़ पहुँच जाती हूँ उस श्वेत निर्मल घरोंदे में न जाने किस जन्म की कहानी शायद कैद है उन दीवारों में जहाँ पहुँच कर…
ना…री तू बिलखना नहीं किसी सहारे को अब तरसना नहीं तू स्वयंसिद्ध और बलवान है नहीं महत्वहीन तू खुद सबकी पहचान है सशक्त है तू…
मुश्किलें किसके जीवन में नहीं आतीं ये दृढ़ता से समझना होगा खुद की कोशिश नाकाम नहीं होतीं विजय पथ पर खुद अग्रसर होना होगा जब…
वो प्रीत के मनोरम स्वर्णिम पल दफ़न क्यों हुए चारदीवारी में, वो जुड़ रही थी या टूट रही थी जलते से या बुझते अरमानों में,…
डर का वजूद कुछ नहीं ये स्वयं जनित मनोभाव है आसन्न खतरे की चिंता से उत्पन्न भय निराशावाद है एक अंतहीन भ्रम की स्थिति हक़ीक़त…
दो दिल जुड़ते हैं जब सच्चाई से चंचलता निरंतर जवान होती हैं किसी से प्यार हो जाना बेहद सुखद अनुभूति हैं खुशनुमा अहसासों में डूबकर…
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