Pragya
(शायरी)
November 24, 2022 in शेर-ओ-शायरी
1)
क्यों मजबूर हुए हम ये कभी सोंचा है??
मेरा गुरूर तो तुम्हें दिखता है
वक्त मिले तो कभी सोंचना जरूर !
ये मासूम सा चेहरा इतना उदास क्यों रहता है
2) Attitude’ है मुझमें तो क्यों जलते हो।
इसी हुस्न पर तुम भी तो मरते हो।।
अभिमान
November 24, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
इतना घमंड क्यों भरा है इन्सान में
मत जियो अभिमान’ में।
नफरत की बेल इतनी क्यों चढ़ा रखी है
कांटों की सेज क्यों बिछा रखी है
प्रेम के दीपक का तेल क्यों कम हो गया है
स्वाभिमान का कागज भी नम हो गया है।
अभिमान ही अभिमान भरा है
पैसे का रुआब पर्वत चढ़ा है।
चंद टुकड़ो की खातिर बिक रहा ईमान है
कितना औपचारिक हो गया इन्सान है।
चांद की गोद में
November 24, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
ये वादियां ये फिजाएं क्यों बुलाती हैं मुझे
जाने क्यों इतनी मोहब्बत जताती हैं मुझे।
इन फिजाओं में लिपटी हुई मोहब्बत है
मेरी दुआओं में फैला हुआ बस तेरा हक है।
वफा की राह में घायल हुई दीवानी हूँ।
इन पर्वतों में लिखी हुई कहानी हूँ।
चांद की गोद में लग रहा है मैं बैठी हूँ।
सितारों से मांग अपनी मैं सजा बैठी हूँ।
दुनिया पर गौर
November 24, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
जब दुनिया पर गौर करो
तो अपना अस्तित्व नजर आता है
भूल हो जाए तो हर शख्स रूठ जाता है
अच्छाई कहाँ याद रहती है किसी को
एक गलती से रिश्ता भी टूट जाता है
ओ मेरे व्यक्तित्व पर सवाल उठाने वालों !
प्रज्ञा’ का तो चाहने वाला भी अनमोल हो जाता है
जो मेरी गली आता है !!!!!
वो फिर सब कुछ भूल जाता है !!!!!!
चादर
November 24, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
सपनों की धूप में
हम अपनी चादर सुखा रहे थे
तेरे दिखाये हुए रास्ते में हम
फूल बिछा रहे थे
तेरी बेचैनी बढ़ गई थी कितनी
जब हम मोतियों से बाल सजा रहे थे
उतार के फेंक दी मैने वो पायल
जो तुम सौतन के पैरों से उतार कर ला रहे थे
मुझे तो पहचानने तक से इनकार
कर दिया तुमने और हम
तुम्हें जान से भी ज्यादा चाह रहे थे
एक बूँद ही बरसा दी होती प्यार की हम पर
हम बेवजह ही अश्कों से तकिया भिगा रहे थे।
शबनम
November 24, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
सबसे छुपा कर रखा है तुझको
तू किसी और का ना हो जाये डर लगता है मुझको
धूप की चादर हो चाहे शबनम की फुहार
जान से ज्यादा चाहेंगे तुझको।
शिकायत
November 24, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
शिकायतों के पुलिंदे…….
……….अगर खोलना चाहोगे ?
उस हुजूम में ………..
…….सबसे आगे मुझको पाओगे
शायरी ।।।
November 24, 2022 in शेर-ओ-शायरी
Mera guroor hi tod diya tumne…
Kitna naaaz tha tum par….😞
आओ लौट चले पुराने कल में, कोई बाधा ना हो जीवन में……
शायरी।।
November 24, 2022 in शेर-ओ-शायरी
इन नशीले नैनों से सम्मोहित करके
कत्ल कितनों के किए होंगे तुमनें….
हादसों का शिकार हो गया
मेरा प्यार भी किसी और का हो गया
रूठे रूठे से हुजूर
November 24, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
रुठे रुठे से हुजूर नजर आ रहे हैं
हमें बेवफा बताकर शायद किसी के घर जा रहे हैं
कानों की बाली खो गई है उनकी या
किसी को निशानी में देके आ रहे हैं
सुर्ख लाल जोड़ा पहन रखा है उन्होंने
हवाओं में जुल्फ़ों को लहरा रहे हैं
ये सब इन्तजाम वो फिर से कर रहे हैं
मोहब्बत हो गई है किसी से या हमको जला रहे हैं
कितने नादान हैं वो रब ही जानें !
हैं हमसे ही खफा! और भरी महफिल में हमको ही
देखे जा रहे हैं।।
दिलनशीं शाम के सवेरे
November 24, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
मानवीय अलंकार से सुसज्जित:-
दिलनशी शाम के सवेरे हैं
वायु में मद घुली हुई है
शहर का कोलाहल शांत
है देखो !
शबनम भी नहा रही है
चलो घूम लें थोड़ी देर छत पर
रूह की तरंगों से
आओ छू ले एक दूजे को
फटी हुई हृदय की शिराओं को
एक सूत्र में बांध लें आओ
तुम वहां से चांद को देखो
कुछ इस तरह से के मुझको भी नजर आओ!!!
रोको मत
November 24, 2022 in शेर-ओ-शायरी
मत रोको !!!!
जाने वाले को जाने दो 🤗
उसको भी अपनी औकात समझ में आ जाएगी।❣
लौट के फिर वो आएगा आपके पास….
….जब सारी दुनिया उसको ठुकराएगी। ❤
तू जिन्दाबाद रहे
November 17, 2022 in शेर-ओ-शायरी
तू जहाँ रहे आबाद रहे जिए यूँ ही मुस्कुराकर
आसमान में ज्यों सूरज वैसे ही तेरी शक्सियत
जिन्दाबाद रहे।।
🙏🙏🙏🙏
तुम्हारी शान में
November 17, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
तुम्हारी शान में जो लफ्ज निकले गजल बन जाये।
तेरे अधरों से निकला अल्फ़ाज ही कुरान बन जाये
नसीहत तुझको क्या देगा कोई ऐसी किसकी जुर्रत!
तू जो एक बार कह दे बस वही पहचान हो जाये।
😍😍😍✍️✍️😍😍😍
मजाल
November 17, 2022 in शेर-ओ-शायरी
है क्या मजाल जो मैं तुमसे कुछ कहूँगा रो रहा हूँ मैं और रोता ही रहूँगा….
कभी कभी
November 17, 2022 in शेर-ओ-शायरी
कभी कभी यूँ भी होता है
वो सामने होती है और दिल गमों से चूर होता है।😭
शायरी
November 17, 2022 in शेर-ओ-शायरी
खूबसूरत है वो ऊपर से उसकी सादगी
जुबान से मोती गिरते हैं
फिर भी वो हमसे प्यार करने की वजह पूछते हैं
आधार
November 17, 2022 in शेर-ओ-शायरी
आधार मेरी ज़िन्दगी का तू है मेरी सुबह और शाम तू है
कैसे जिएंगे तेरे बिन जब मेरी आखरी साँस भी तू है
माला
November 17, 2022 in शेर-ओ-शायरी
तेरे नाम की माला कब तक जपता रहूँ
देख गैरों के साथ तुझे
कब तक जलता रहूँ!!!
तमाशबीन
November 17, 2022 in शेर-ओ-शायरी
तमाशबीनों की निगाहें मुझे घूरती क्यों हैं
तेरे घर में फिर से कोई जश्न है क्या ????
जीवन का लम्हा
November 17, 2022 in शेर-ओ-शायरी
जीवन का हर लम्हा
तेरे साथ होता !!
तो ना मैं फ़िरता यूँ….
बदहवास होता!!!!
आईना
November 17, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
आईने की नजर से
छुपा लूँगा तुम्हें..
कुछ इस तरह से दिल में
छुपा लूँगा तुम्हें..
तू ना बदला…
November 16, 2022 in शेर-ओ-शायरी
लगी थी आस तुम आओगे मेरी आवाज सुनकर
तड़प उठोगे मेरी हालत देखकर
मुस्कुराओगे ख्व़ाब बुनकर।
ऐसा कुछ ना हुआ तू ना बदला…..
जैसा था तू वैसा ही रहा….
हाव भाव
November 16, 2022 in शेर-ओ-शायरी
उन्हें खुद लिखना आता है तब भी भाव नहीं समझते हैं
भावनाओं से परे हैं हाव भाव नहीं समझते हैं
लाख कोशिश करें हम उनके दिल में समाने की,
नासमझ हैं वो कुछ भी नहीं समझते हैं।
मेरा जीवन जब से अस्त व्यस्त हो गया है।
November 16, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
एक जमाना था दो सुकून की रोटी थीं और पीने को पानी।
तब काँटों के बिस्तर पर भी नींद आ जाती थी।
रात जल्दी होती थी और सुबह
दरवाजा खटखटाने आ जाती थी।
अब तो ऐसा हो गया है
रात आके चली जाती है पर नींद नहीं आती है।
सुबह दरवाजा पीट पीटकर थक जाती है पर जगा नहीं पाती है
दोपहर होने को आती है तब कही आजाद हो पाती हूँ
नींद को सिरहाने पर रखकर
थोड़ा सुस्ता जाती हूँ।
कुछ समझ नहीं आता क्या से क्या हो गया है,
मेरा जीवन जब से अस्त व्यस्त हो गया है।
आधारहीन
November 16, 2022 in शेर-ओ-शायरी
आधारहीन भावनाओं का कोई अस्तित्व नहीं होता…
आग में कूदी हुई किस्मत का कोई
वर्चस्व नहीं होता…
कभी कभी
November 16, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
कुछ लोगों से बात करके बहुत सुकून मिलता है
एक अजब सा एहसास होता है
दिल में मचलता है और
मिलने को तड़प उठता है
यह तड़प कभी-कभी इतनी बढ़ जाती है कि
दिल पंछी बनकर आसमान में जाकर मिलता है।
जीते जी ना सही तो सितारा बनकर दिल अपनी ख्वाइश पूरी करता है
Love -2
November 16, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
Part -2 ❤
तुमने मेरे दिल को और रुलाया है मुझे
प्रेम का पुष्प मसलकर आसमान से गिराया है मुझे।
तुमने रूहानी इश्क को जिस्मानी समझा
पानी गला हुआ महज एक कागज समझा।
पुष्प की गंध चुरा कर के उसे तोड़ दिया
दर्द के आँसू को बस जमीन पर बिखेर दिया।
दर्द में लिख रही मैं अमिट कहानी हूँ
तेरी हर नब्ज को टटोलती रवानी हूँ।
अँधियारे में मैं नहीं सिमटने वाली
घसीटकर तुझे इसी चौखट पे लेके आऊंगी।
Love -1
November 16, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
Part-1❤
आज सबूत माँग रहे हो
कि तुमसे कब, कहाँ और कैसे प्यार किया ??
पहचानने से इनकार कर दिया मुझे !
और कर ही क्या सकते थे तुम!
मेरे जिस्म से आती खुशबू को
क्या अपना नहीं कहोगे अब !
दिल में जो चेहरा बसा है उसे
दूजे का कहोगे अब !
हाँ, अब तो तुम मेरे प्यार को भी झुठला दोगे
जो वादे किए तुमने उनको भी धोखा बता दोगे।
मेरे होंठो से जो देर तक साझेदारी हुई तुम्हारी,
मेरी रूह पर जो मुहर लगी तुम्हारी,
मेरा चैन, मेरी नींद, मेरा दिल भी अब मेरा ना रहा
मैने प्यार से जो थामा था हाथ वो अब मेरा ना रहा।
एक बार झूठ ही कह देते हम दिल निकाल के दे देते।
खुद चले जाते तुमसे दूर कभी आवाज भी ना देते!!!!
सबूत
November 16, 2022 in शेर-ओ-शायरी
बड़ा सबूत माँगते हो मेरी शख्सियत का।
खुदा ने तो मेरे कदमों में जन्नत भी रख दी है।
दिल थक जाता है….
November 16, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
दिल थक जाता है जब
रूठने वाला जिद पे अड़ जाता है
कितनी भी कोशिश कर लो
हाथ ना आता है
बस दूर चला जाता है
इस छोटी सी जिन्दगानी में
जब काम बहुत ज्यादा और
प्यार बहुत कम हो जाता है
दिल थक जाता है
फिर आराम नहीं पाता है…
रात मायूस करती है
November 16, 2022 in शेर-ओ-शायरी
❤ ❤ ❤ ❤ ❤ ❤ ❤ ❤ ❤ ❤ ❤
रात मायूस करती है और सुबह उम्मीद जगाती है❤
तुम किसी और के हो।।
November 16, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
एक वक्त था…
जब तुम मेरे लिए रातों को जगा करते थे
मैं कुछ भी कहती, तुम हंसकर सब सुन लेते थे।
मुझसे ज्यादा तड़प होती थी तुमको मिलने की,
व्हाट्सएप’ पर भी तुम अवलेबल’ रहते थे।
पर अब बदल गए हैं
तुम्हारे मिजाज और
बदल गए हो तुम।
बदल गए तुम भी और बदल गए हैं हम..
हमें रहता है तुम्हारा इंतजार,
मिलने को करता है दिल बार- बार।
तुमसे इंपॉर्टेंट’ और कोई नहीं,
ना घर है ना संसार..
अगर बदल गए हो तो रहने दो
हमें नहीं करना तुमसे प्यार,
हम जैसे भी रह लेंगे पर
“तुम किसी और के हो फिलहाल”….!!!
मैंने कब चाहा कि ऐसा ही हो
November 16, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
तुम मेरे ही और सिर्फ मेरे ही रहो
मैने कब चाहा कि ऐसा ही हो।
पीछे चलो कदमों के निशान ढूंढते हुए
दे दो अपनी जान बस मुझको पूजते हुए।
लाकर जहान की सारी खुशियाँ कदमों में रख दो
मैंने कब चाहा कि ऐसा ही हो…………..।
छीनकर ले आओ किसी की माँग का सिन्दूर
उजाड़कर किसी की कोख बस मेरी गोद भर दो।
मैने कब चाहा कि ऐसा ही हो!!!!!!!!!!
मैंने कब चाहा कि ऐसा ही हो!!!!!!!!!!
मैं गरीब
November 16, 2022 in शेर-ओ-शायरी
गरीब मैं नहीं तू है जिसका दिल
पैसे के लिए धड़कता है और प्रेम के लिये धड़कना भूल जाता है ।
एक अजनबी
November 16, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
आज एक अजनबी से मुलाकात हुई
उसकी एक मुस्कान हृदय की शिराओं को
झकझोर गई….
अन्दर एक प्रकाश का ज्वार फूटा!
लौ जली, उसकी चितवन ले गई
देह से खून निकाल कर..!
साँस पर्वत सी कठोर हुई
आँख पथरायी और देह बर्फ बन पिघल सी गई!
जाने क्या हुआ ?? मैं कहाँ गई किस से मिली?
और कब घर आ गई???
कुछ पता नहीं बस इतना पता है
कि एक अजनबी से आज मुलाकत हुई।।।।।
मजम्मत(निंदा)
November 16, 2022 in मुक्तक
अरे! कभी तो तारीफ़ कर दे इस नामाकूल की!
हर दफ़ा क्या तू मजम्मत ही करता रहेगा!!!!
Damini
November 13, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
बदन पर साड़ी लपेटकर कितनी सुंदर लग रही है
ये हुस्न देखकर दामिनी भी नतमस्तक हो रही है
मैंने कब चाहा कि ऐसा ही हो
October 2, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
तुम मेरे ही और सिर्फ मेरे ही रहो
मैने कब चाहा कि ऐसा ही हो।
पीछे चलो कदमों के निशान ढूंढते हुए
दे दो अपनी जान बस मुझको पूजते हुए।
लाकर जहान की सारी खुशियाँ कदमों में रख दो
मैंने कब चाहा कि ऐसा ही हो…………..।
छीनकर ले आओ किसी की माँग का सिन्दूर
उजाड़कर किसी की कोख बस मेरी गोद भर दो।
मैने कब चाहा कि ऐसा ही हो!!!!!!!!!!
मैंने कब चाहा कि ऐसा ही हो!!!!!!!!!!
सबूत
September 30, 2022 in हिन्दी-उर्दू कविता
आज सबूत माँग रहे हो
कि तुमसे कब, कहाँ और कैसे प्यार किया ??
पहचानने से इनकार कर दिया मुझे !
और कर ही क्या सकते थे तुम!
मेरे जिस्म से आती खुशबू को
क्या अपना नहीं कहोगे अब !
दिल में जो चेहरा बसा है उसे
दूजे का कहोगे अब !
हाँ, अब तो तुम मेरे प्यार को भी झुठला दोगे
जो वादे किए तुमने उनको भी धोखा बता दोगे।
मेरे होंठो से जो देर तक साझेदारी हुई तुम्हारी,
मेरी रूह पर जो मुहर लगी तुम्हारी,
मेरा चैन, मेरी नींद, मेरा दिल भी अब मेरा ना रहा
मैने प्यार से जो थामा था हाथ वो अब मेरा ना रहा।
एक बार झूठ ही कह देते हम दिल निकाल के दे देते।
खुद चले जाते तुमसे दूर कभी आवाज भी ना देते!!!!
उदास चेहरे
September 29, 2022 in शेर-ओ-शायरी
उदास रहा है चेहरा उदास रहेगा
तुझे खो कर के ये कभी ना हँसेगा