गुरु-पर्व

संवत् 1526 29 नवंबर 1469 कार्तिक पूर्णिमा के दिन, पंजाब के तलवंडी गांव में गुरु नानक जी ने जन्म लिया जाना गया ये नाम ननकाना…

*कसम से*

*कसम से* अब आप बिन रहा नहीं जाता किसी से कुछ कहा भी नहीं जाता हर पल आपकी कमी महसूस होती है हर दम अधूरी…

देव-दिवाली

कार्तिक पूर्णिमा की देव-दिवाली आई है काशी में ख़ुशियां छाई हैं ज्योति-पर्व है देवों का, ये देवों की दिवाली है काशी के गंगा-घाट पर, सुर…

कहानी

जिसकी जैसी थी कहानी, वो वैसा किस्सा कह गया कोई चुनता रहा तिनके यहां, कोई मोती चुराकर ले गया *****✍️गीता

तुलसी विवाह की कथा

एक श्राप के कारण, शालिग्राम बने नारायण लक्ष्मी माँ ने फ़िर, अवतार लिया तुलसी का कार्तिक की एकादशी को, विवाह-बंधन में बंधे दोबारा मेहंदी, महावर,बिंदी…

*दोस्ती*

निस्वार्थ प्रेम का, एहसास है दोस्ती जीवन में घोले, जो मिठास है दोस्ती कठिन समय में, दे साथ है दोस्ती बिन मांगे मुसीबत में, काम…

*प्रतियोगिता*

****”लघु हास्य-रचना**** कोरोना के कारण, प्रतियोगिता की पराकाष्ठा हो गई अभी तक तो परीक्षा तक ही थी सीमित, अब तो शादी-ब्याह तक भी ही गई…

*माँ*

“माँ”! से छोटा शब्द ना सुना कोई, माँ से बड़ा भी ना कोई हुआ माँ के दिल को खुश रखना सदा, माँ की लगती है…

पराई धरा

देख-देख कर, आज के युवा-वर्ग को सोचता है मन मेरा, क्या कमी है देश में मेरे जा बैठे दूर इतनी, एक पराई धरा कभी तो…

*छठ पूजा*

आई आई छठ पूजा है आई, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को जाए ये मनाई छठ पूजा की धूम देखो, चारों ओर…

रिश्वत

खाद्य-निरीक्षक की चलती थी, रिश्वत से रोजी-रोटी लाला ने इन्कार किया तो, धमकी आ गई मोटी-मोटी लाला जी के होटल में, खाना बनता था शुद्ध…

*धूप सुनहरी*

धूप सुनहरी बिखर गई है, सूरज की झोली से लाल, गुलाबी पीले-पीले, रंग लगें मौली से रंगोली के रंग हैं सातों, धूप संग हैं आए…

मुखौटे

मुखौटे लगा कर, आते हैं कुछ लोग कभी हंसाकर कभी रुलाकर, चले जाते हैं कुछ लोग कभी जोकर का मुखौटा, लगाकर हंसाया कभी भूत-प्रेत का…

*तो हम जानें*

कविता बहुत कही होंगी अब तक, कहानी कोई कहो तो जानें सभा तो बहुत सजाई होंगी अब तक, तन्हा कभी वक्त गुजारो तो जानें अंजुमन…

*आभार आपका*

आप आए मेरी ज़िन्दगी में, आभार आपका आपसे जो मिली शुभ-कामनाएं, आभार आपका जो दीं आपने दुआएं, आभार आपका आपके स्नेह के खिले गुलाब, आभार…

*शुभ दीवाली हो*

दीवाली के दीप जले, हर-घर में ख़ुशहाली हो अपनों का प्यार मिले, ऐसी मंगल दीवाली हो जगमग-जगमग दीपों की माला चारों ओर करे उजाला, खुशियों…

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