बात बन ही जायेगी
बात बन ही जायेगी इस सोंच के साथ कदम बढ़ाते जा रहें हैं नभ हमारा होगा कभी इस उल्लास के संग क्षितिज की ओर कदम-दर-कदम…
बात बन ही जायेगी इस सोंच के साथ कदम बढ़ाते जा रहें हैं नभ हमारा होगा कभी इस उल्लास के संग क्षितिज की ओर कदम-दर-कदम…
हे महामानव महामना, श्रद्धान्जली ज्ञापित है तुझको! काशी हिन्दू विश्विद्यालय के प्रणेता बहुआयामी प्रतीभा के धनी, शत-शत नमन् है तुझको तुझ जैसों से ही पुष्पित…
हौसला रखकर चलना होगा परिस्थिति हमेशा इसतरह कहाँ रह पाएगी । कबतक दर्द से नाता रहेगा कहाँ तक निराशाओं का यह भंवर सहमाएगी। कठिनाई के…
दु:खो से उबरना क्या इनसे तो जन्मों का नाता है मीठा तो कभी-कभी नमकीन साथ निभा जाता है । ज्यादा मीठा हो तो मन जल्दी…
जिन्दगी की सरगम पर गीत क्या मैं गाऊँ तुम्ही अब बता दो वो प्रीत कहाँ से लाऊँ। पतझङ सी वीरानी छायी है जीवन में ना…
आपकी दूर दृष्टि से भारत निखर कर शिखर की ओर बढ़ चला है आपका दिखाया सपना साकार होने का समय है आने वाला। महानता की…
आपके चरण कमल में करती हूँ श्रद्धांजली अर्पण भारत माँ के प्रति आपके प्रेम का कर पाएगा कौन वर्णन । जन्म दिवस है वर मांगती…
नभ में उमंगो का गुलाल छाया देखो ना, क्रिसमस आया । कोई अपना किसी से रूठे ना कहीं किसी अपने का साथ छूटे ना हर…
सराफत है हमारी मज़बूरी का मत नाम दो जहाँ सिर्फ तुमसे चलता नहीं यह अच्छे-से जान लो।। हैं बहुत से लोग जिनका तुमसे होगा पुराना…
प्यार न सही प्यार के बोल क्यूँ नहीं चाँद अपना न सही चाँदनी के हकदार क्यूँ नहीं ।। दूर बहुत हो तुम जिन्दगी में संग…
जिन्हें हम दिल में रखते हैं उसे क्यूँ बता नहीं पाते हमें स्नेह है कितना कभी उनसे जता नहीं पाते । उम्मीदों के बीज मन…
छोङ न अपनी लगन में कोई कसर दुनिया देखती रह जाएं मेहनत का असर, साहसी बन तू तू हो निडर हाँ यू हीं हो तू…
ये कैसी बेबसी है नाराज़गी को ढो रहे हैं अक्षमता को आकने के बदले दूसरे की कमियों को गिन रहे हैं । ये दिन है…
बिटिया हुयी परायी ************* ना तुम भूलोगे ना हम हाँ, यह बंधन छूटे ना, मरते दम। यह पावन वेला, अश्रुओं की इसमें जगह नहीं नवरंग…
जिसे पाया भी नहीं जो खोया भी नहीं उसके होने ना होने का संताप आया भी नहीं । न मन का कोई कोना हुआ बगैर…
ऐसा नहीं कि हम तेरे करतूतों से अनजान हैं पर शिकायत किससे करें अपनी आदत से हम लाचार हैं । चाहते हैं बदल दे खुद…
सतरंगी यादों के संग देखे रंग बिरंगे स्वप्न कयी पावस के छाये में दिखा जो दिनकर फिर से पली उम्मीद नयी
दिन अगर बदल सकते पुनः अपने बचपन में लौट पाते । फिर से पापा की नन्हीं परी बन चार पैसे की नेमचुस खरीद लाते। घर…
अवसाद के बादल घिरे पर तुम न आये प्रिये यह तिमिर बढ़ती जा रही बुझे हर उजास के दिये । आक्रोश है या ग्लानि इसे…
हमें बस जीवंत बोध की दरकार है नहीं मुझे खुद पर, हाँ तुझपर एतवार है हम सजग प्राणी भले हैं पर स्वार्थ से सना अपना…
सफलता और असफलता के कयी पङाव देखे हैं हमने हार और जीत के कयी अनुभवों को जीये हैं हमने । फैसले लेने के मुकाम पर…
यह जख्म कोई नया तो नहीं फिर दर्द का अहसास इतना गहरा क्यूँ ? कयी सितम अपनों ने किये पर उफ ना आज तक हमने…
मेरी नन्ही परी तू हमसब की खुशी । खुश रहना हमेशा कहाँ कोई तेरे जैसा । हम सब हैं तुझसे मगन है तेरी खुशियों की…
कृषि हमारे वतन की रीढ़ कृषकों के श्रम से कौम का पेट भरता है । पर इनकी उपेक्षाओ से क्यूँ ना हमारे प्रतिनिधियो का दिल…
विविध आबम्बरो से दूर, श्रद्धा-आस्था से सरावोर महापर्व है छट्ठ, जन-गण है उपासक, आराध्य है दिनकर!
हम आधुनिक होते जा रहे हमारी आस्था आज भी वही हम उपासको के लिए सूर्य परिक्रमण कर रहा पृथ्वी है स्थिर। दर्शाता रह पर्व लोक-आस्था…
जिसे अपना मानते आये हर बात पर, नुक्श निकालने को आमदा , देखते ही देखते ये कैसे बेगाना हुआ । दर्द जब हद से बढ़ा…
हर रीति रिवाज से परे करूँ बस अपने मन का। मन कहता मेरा जो अपमानित करते मेरे जननी जनक का । उनकी पहुँच से दूर…
आकाश-सी फैली ख़ामोशियों में भी ये कैसी अनुगुंज फैली है इन स्याह-सी वीरान रातों में तेरे आने की आहट सुनाई देती है । तू नहीं…
ज़रा आंखो को नम रखना सोंच के आगे बढ़ना । रंग बदलते चेहरे, ढंग से पढना सोंच के आगे बढ़ना ।
धून्ध है चारों तरफ़ रास्ते की खबर नहीं जाऊँ तो जाऊँ कहाँ आती मंजिल नज़र नहीं । फिक्र अब कहाँ ये जहाँ मिलें निन्द है…
हम उस मुकाम पर है जहाँ जिम्मेदारियां सर चढ़ बोलती हैं काम के बोझ तले दबी जिन्दगी, नयी चीजों को सीखने की प्रवृत्ति उदासीन होती…
औरों की सुनते रहे, मुझे अपना क्यू न मान सके तोहमत लगाते, लगवाते रहे मेरे दिल में क्यूँ न झांक सके
एक खुशी की तलाश में जी रहे हैं कहीं तेरे अपने पन की आश में भटक रहे हैं कहीं
लोकतंत्र की जन्मस्थली, लक्ष्वीगणतंत्र जहाँ थी बसी, प्रलोभन नहीं जहाँ बस काम, विकास, आत्मसम्मान की, विजयगाथा पुनः सुनने को मिली।। जहाँ फिर से कर्मयोगी की…
इक इन्तज़ार में रहे कोई अपना हमें प्यार करें हमें जाने समझें हमसे हमारी अच्छाइयों का इज़हार करें! दुख से भागते रहे सुख का दामन…
गैरो पर राज की चाहत नहीं बस खुद पर हो अख्तियार अपना ख़ुद को हमेशा कमतर आके औरोंको दिखावे की शौक न हो अपना
चलो एक नये कोने की तलाश करें उदासियो को हटा, सोंच में बदलाव करें । खुद को नये सिरे से गढ़े अबतक खुद के लिए…
तू जो मेरी जिंदगी में आयी मेरी जिंदगी जन्नत हुई । ख़्वाहिशे गगन को छू पायीं पूरी मेरी अधूरी मन्नत हुई। देखी जो तेरा मुखरा,…
अब और नहीं कर देर देखो फैला कैसा अंधेर और नहीं भटकाओ अविलंब चले आओ । उम्मीद की कोई पून्ज नहीं डगर कहाँ, जहाँ तेरी…
ज़रा सी देर क्या हुयी तुम यूँ ख़फा हुए । ज़रा सी बात पर बस यूँ ही चल दिए। जरा सी देर क्या हुयी नज़र…
तू रहे सलामत तुझे जन्म दिन बहुत- बहुत मुबारक ! हर छोटी-बङी अनन्य उम्मीदों से भरी सतरंगी स्वप्नों से सजी पूरी हो चाहत तुझे जन्म…
जैसे धरा कभी गगन से मिलके भी मिल पायी नहीं हम तुम भी, मिले कुछ इस तरह । जैसे वन में तृष्णा से व्याकुल ढूँढती,…
एक हसरत कुछ करूँ ऐसा गर्व हो सभी अपने ही नहीं, ग़ैरों को भी अर्ज करें, हे मालिक! हर घर में जन्म ले, ऐसी ही,…
बिहार की विडंबना गरीबी की वज़ह से जहाँ की जनता सङको पर निकल पङी वहाँ के 153 करोङ, नुमाइंदे धनाढ्य अथाह धन 53 करोङ की…
कहाँ कभी ऐसा किसी ने सोंचा था एक पीङित, शव से विस्तर साझा करेगा। यह प्रकृति का कहर, या बढती आवादी की लहर जिन्दगी और…
आदतों में कहाँ ये शुमार है अपनों के लिए जगह नहीं बस औरों के लिए प्यार है । आपकी अदा है आपका अपना यह सारा…
तुम्हारे और मेरे रस्साकशी में पीस कर रह गये अरमान हमारे तुम भी अपनी मर्जी के मालिक समझे न जज़्बात हमारे । पर अब और…
सवाल और गम के थपेडों के बीच पिसकर रह गये मेरे रूह और जिस्म समझने की कोशिश में, समझते- समझते सारी ख्वाहिश स्वाहा, बस मन…
तुम्हारी हिकारत गहरे पङे जख्म को हरा-हरा कर जाते हैं उपेक्षित किसी और के ख़ातिर मेरे रूह तक को वेध जाते हैं ।
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