निश्चय

आज सवेरे ही मैने निश्चय किया मन में शत्रुता संभाल अब न रखूगी मेरे नज़र से जो भी मेरे दोषी हैं उनके दोष मन से…

पूछतीं सवाल

लगता पूछती हो, बता माँ कबतक बंदिशो में रहना होगा कब खुलकर हंसना, बोलना बेखौफ़ घर से निकलना होगा । कब मैं भी बेखौफ़, सुबह…

बिटिया

माँ की सबसे अच्छी सहेली पिता की हर ज़रूरतों का ख़्याल बिटिया के बिना सब अधूरा इसके जैसा कहाँ कोई मिशाल । भाई की हर…

संयम रखें

बेहतर भविष्य की चाह में, खुद की असीम भावनाओं पर, थोङा-सा संयम रखें । ख्वाहिश गगन को छूने की, पाँव जमी पे टिकी रहे ।।

दूरियाँ

अधरों पर कभी आया तेरा नाम नहीं नयनों में तेरा प्यार छलक आया हमें चाह नहीं तुझे पाने की दूरियाँ ही मुझे रास आया

अन्नदाता

समझ में बिलकुल नहीं आता ये कैसी फितरत है इनकी जहाँ देखा नफ़ा अपना हाथ थाम ली उनकी । हल्ला मचा करके बस बात रखनी…

मजबूर खङी

कयी प्रश्न है मानस पर उभरे यहाँ दस्तूर भी हैं कैसे-कैसे अपने भी हैं क्यूँ पराए जैसे माँ-पापा ने भरपूर स्नेह दिया फिर क्यों कर…

तुझसे

मेरी रैना की शुरुआत है तुझसे इन नैनन की बरसात है तुझसे तुम जो दो मीठे बोल भी दो हर दर्द कबूल मुझे, जो मिले…

कुलदीपक

मेरे कुल का दीपक तुझसे छाया प्रकाश है आया है तू जबसे आलोकित आकाश है । बहनों की तू आशा माता का लाल है सबो…

हिमाकत है

प्रेम हमारे लिए इबादत है ईश्वर की दी हुई सबसे खूबसूरत इनायत है प्रेम विश्वास का दूजा नाम है विश्वास नहीं तो बस यह हिमाकत…

नियामत

खत्म होगा इन्तजार, स्वागत को कब होंगे तैयार वह सुहाना पल जब कोरोना मुक्त होगा यह संसार इस टूटन-घुटन पङी जिन्दगी से है सभी बेजार…

इबादत

तस्लीम नहीं उनकी हिमाकत हरहाल में करेंगे अपनी हिफाज़त मुमानियत लगाए अपनी आकांक्षाओं पर नहीं तो भूल बैठेगे हम भी अपनी सराफत मकबूल नहीं तेरी…

हँसना भूल गए

आज अवसादो से जुङा है रिश्ता अपना मुस्कुराना भूल गए, कहाँ होता है हंसना अपना वो बात- बात पर रूठकर चुप होके बैठे रहना थोड़ी-…

रवायत

हर मुश्किल को चुनौती देने की हमारी रवायत है हम नारी हैं, हर रिश्ता हमारे लिए एक इबादत है । हर नामुमकिन को मुमकिन बनाना…

हौसला

इंसाफ की लङाई लङनी हो तो फिर कोरोना का क्या डर मुस्कुरा के करेंगे हर मुश्किल का सामना, चाहे जिसका हो कहर

पतन

फांसी, एनकाउन्टर जैसी किसी भी सजा का नौनिहालो को न रहा है अब डर जब हो गया हो पतन नैतिक मूल्यों का फिर कैसे हो…

मृगमरीचिका

चीखते चेहरों पर चीखने से क्या फायदा सजा मिल जाने पर, बेगुनाह साबित होने से भी क्या फायदा । इज्जत की नाम अपने ही मासूमो…

निश्छल

नदी नाम है अविरल बहती जलधारा की त्याग, गतिमय, अवगुण-गुण का भेद मिटाने की कश! हममें भी यह सब आ जाए अपना चित भी तरनी…

मातृभाषा

विविधता में एकता के सूत्र को सहजता से पिङोती जो संस्कृत की बेटी, विविध भाषाओं की सहचरी है वो। माँ सी ममता जिसके हर वर्ण…

New Report

Close