महामना
हे महामानव महामना,
श्रद्धान्जली ज्ञापित है तुझको!
काशी हिन्दू विश्विद्यालय के प्रणेता
बहुआयामी प्रतीभा के धनी,
शत-शत नमन् है तुझको
तुझ जैसों से ही पुष्पित
हो मेरी प्यारी ज़मीं!
विराट व्यक्तित्व से सुशोभित
ओजस्वी वाणी से थे धनी
उनके द्वारा स्थापित मर्यादाओं को
पूरा करना है हमें यहीं!
स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं
महान् पंडित शिक्षाविद्
स्नेहिल आत्मीय मार्गदर्शन
पथप्रदर्शन कर रहीं!
अतिसुंदर
बहुत ही सुंदर रचना
बहुत सुंदर
नमन है उन्हे
सुन्दर रचना