by Pragya

महिला दिवस

March 8, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

महिला दिवस के अवसर पर
कुछ शब्दों की अभिव्यक्ति
करती हूँ
महिला ही है
सारी दुनिया आज मै सबसे
कहती हूँ ।
महिला का सारा जीवन
समर्पण में ही
बीतता है
और प्यार की उम्मीद
में उसका सारा
जीवन कटता है

by Pragya

पानी में भिगोकर

March 8, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

पानी में भिगो कर गुलाब
रखे हैं ।
लोगों के चेहरे पे नकाब
लगे हैं ।
रूप की चांदनी फिरती है
छतों पर
खिड़कियों पर
कितने लोग खड़े हैं

by Pragya

वक्त कटता नहीं

March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी

वक्त कटता जा रहा है
दीये की लौ भी
धीमी हो गई
आंखों में नींद नहीं
चैन नहीं हम क्या करें
यही सोंचते रहे ओर
सुबह हो गई

by Pragya

गरीब

March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी

हम गरीब सही
पर इज़्ज़त की खाते हैं
तेरी तरह हम
सरेआम मुजरा तो नहीं करते हैं ।

by Pragya

तू नहीं जानता

March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तू नही जानता है
मेरे दिल पे क्या गुजरी है
एक पथ्थर सीने पे लिये
घूमती हूँ मैं

by Pragya

कमी कुछ भी नहीं

March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी

कमी कुछ भी नहीं
थी मेरी आँखों में
बस यार तेरे पीने-पिलाने का अंदाज़
बदल गया।

by Pragya

एतबार

March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी

ऐतबार करने पर आते
कर सकते थे मगर
तुम्हें तो शौक था
हमको रूसवा कर जाने का

by Pragya

अंज़ाम

March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी

अंज़ाम जो भी हो
हम तो आगे बढ़ गए हैं
तुम्हें जब से छोड़ दिया हमनें ।

by Pragya

नाखुश

March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी

कुछ नाखुश लगते हैं वो
हमनें यूं ही कह दिया था एक दिन
दोस्त बेवफ़ा होते हैं ।

by Pragya

दौर

March 8, 2020 in शेर-ओ-शायरी

एक दौर वो भी गुज़रा है
मेरी बेखयाली का
घण्टों रोते थे किसी को
याद करके

by Pragya

मैने कहा

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

मैने कहा….
मैने कहा कुछ भी नहीं
उसने बहुत कुछ
समझ लिया।

by Pragya

है कुछ खास

March 7, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

आंखें चार कर लो
इस होली में
अपने रंग में रंग लो
प्रज्ञा को
ना और तरसाओ
होली में
घर आना तो
थोड़ा देर से आना
बहुत सुन्दर ना लगना
होली में
है खास कुछ
तुम्हारी खारी
खातिर किसी
और को साथ ना
लाना होली में

by Pragya

निर्मोही

March 7, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

कितने निर्मोही हो तुम
एक बार भी नहीं सोंचते मेरे
बारे में
ना याद करते हो ना मिलने ही
आते हो
अब देखना ये हौ
है तुम मुझ बिन होली कैसे मनाते हो।

by Pragya

थक कर

March 7, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

थक के चूर हो
चुकी हूँ तुम्हें याद करके
अब और याद नहीं करना।
अब बसा ले तू गैरों
को घर में
तेरे दिल में अब
मेहमान नहीं बनना।

by Pragya

रंजिश

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

इतनी भी रंजिश ना
मान मेरे यार
कभी तो मै भी
तेरे दिल की मेहमान हुआ
करती थी याद कर…

by Pragya

तुम इस

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

तुम इस इन्तज़ार में बैठे हो
हम याद करेंगे
तो बता दें साहिब
अब ना वो प्यार रहा
ना कशिश रही
ना तेरी वो दिवानी ही रही।

by Pragya

स्वेद

March 7, 2020 in मुक्तक

अपने स्वेद से सींच कर
बोई थी
मोहब्बत की फ़सल
शक के एक झोंके ने
सब बर्बाद कर दिया।

by Pragya

ऐसे ना मुझे

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

ऐसे ना मुझे तुम देखो
तेरी ही दिवानी हूँ
हर रात सजाती मै
अपनी आंखों में
पानी हूँ

by Pragya

कभी-कभी

March 7, 2020 in गीत

कभी कभी तो वक्त
मिलता है हमें
अपने ज़ज्बात
बयां करने का
बाकी फुर्सत कहां
होती है हमें उनकी यादों से।

by Pragya

क्या????

March 7, 2020 in मुक्तक

क्या अपने जज़्बात बयाँ करना भी
गुनाह है
जब वक्त होता है तो
कह सुन लेते हैं हम यारों से।

by Pragya

हम तो बस

March 7, 2020 in Other

हम तो बस अपने हुनर की
नुमाईश करने में लगे हुए हैं
आपको कुछ गलतफहमियां हैं दूर कर लें।

by Pragya

चलो तुम

March 7, 2020 in मुक्तक

चलो तुम जीत जाओ
हमें हराकर
यही खुशी है तुम्हारी तो
हम तुमसे हार कर भी जीत जायेगें ।

by Pragya

रात गुजर

March 7, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

रात गुजर जाती है
तुम्हारे खयालातों में
तुम रोज़ ही कह देते हो
मिलने आऊंगा …
किस गली से होकर आओगे
ये भी तो बताते नहीं हो!

by Pragya

सुन्दर हैं

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

सुन्दर हैं तेरी आँखों के
फसाने…..
रोज़ कुछ सुनाते हैं
आंखें बंद हो जाती हैं
मगर हम
देखते ही रह जाते हैं…….

by Pragya

श्याम मेरे

March 7, 2020 in मुक्तक

श्याम मेरे तेरा साँवला रंग
मेरे मन को मोह गया
तू दिल में मेरे बसा रहा
और आंखों का काजल
बहता रहा ….

by Pragya

धानी चूनर

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

धानी चूनर ओड़ कर
ब्रज में होली खेलूँगी
मैं तो अपने श्याम संग
राधा बनकर डोलूँगी

by Pragya

सदाकत

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

सदाकत की नुमाइश लगाना
जरूरी है क्या
मेरी वफ़ा पर यकीन करना
इतना भी मुश्किल नहीं

by Pragya

गुमनाम

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

गुमनाम सा हो गया है
मेरा आशियां
इन दिनों
क्यूँ कि मैं तो बैठी थी
तेरा घर बनाने में

by Pragya

रफ्ता रफ्ता

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

रफ्ता-रफ्ता चलते जा रहे हैं
मंज़िल की ओर…..
खुशी तो बहुत है
फकत इतना गम है
हम भी तेरे जैसे
होते जा रहे हैं…

by Pragya

गज़ब है

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

गज़ब इम्तहान है मेरी
बेसब्री का….
लोग उतना ही
सुनाते हैं जितना हम
सुनते जाते हैं….

by Pragya

मुझे कोरा ही रहने दो

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

मुझे कोरा ही रहने दो
इस होली में……
क्यूँ की
कुछ लोग रंग से नहीं
लहू से होली
खेलने में लगे हुए हैं. ……
🇮🇳जय हिंद जय भारत 🇮🇳

by Pragya

और कितनी आजादी चाहिए?

March 7, 2020 in Other

आ तो गई रंग भरी
होली
मगर कुछ अराजक तत्व
अभी भी पथ्थर
फेकने में लगे हुए हैं
आ तो गया फागुन का वलेंटाइन
मगर कुछ लोग आजादी
मागने में लगे हैं
भारत जैसे देश में
और कितनी आजादी चाहिए?
कुछ आग लगाने में लगे हैं कुछ
आग बुझाने में
लगे हैं ।
🇮🇳जय हिंद जय भारत 🇮🇳

by Pragya

पत्थर

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

पत्थर मत हटाओ
मेरे रास्ते से
अब तो पत्थरों पर चलने की आदत हो गई है

by Pragya

सिर्फ़

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

सिर्फ़ बात की ही बात है
किसी की आंखें भी
किसी के दिल का राज़ है

by Pragya

हम सबकी

March 7, 2020 in शेर-ओ-शायरी

हम सबकी खुशियों में शामिल
होते हैं
मगर मेरी अच्छाई का
ये आलम है
मेरे जनाज़े में भी
शामिल होने से कतराते हैं लोग…..

by Pragya

होली

March 6, 2020 in काव्य प्रतियोगिता, हिन्दी-उर्दू कविता

बजे ढोलक,बजे नगमे
मचे हुड़दंग होली में
रंगी धरती, रंगा अंबर
उड़े है रंग होली में ।
कोई गुब्बारे से खेले तो
कोई मारे पिचकारी
पड़ी है पान की छीटें
चढ़े हैं भंग होली में।

घुला है बाल्टी में रंग
और तैयार पिचकारी
आपकी राह देखे है
सांवरे राधा तुम्हारी
आपके आते ही हम
आपको यूँ रंग डालेंगे
भूल जाओगे तुम राधा
याद आएंगे गिरधारी ।

आपको रंग डालेंगे
हाथ में रंग है पीला
पहले सूखा लगाएंगे
भर के पिचकारी में गीला
आप जब गुस्से में आकर के
हम पर तिलमिलाओगे
आपका साँवला मुखड़ा
कर देंगे बैंगनी-नीला।

हमने पकवान और गुझिया
बनाई आपकी खातिर
मिठाई फूल और तोहफे
मंगाए आपकी खातिर
अपने घर को हमने है
बनाया स्वर्ग से सुंदर
अपने आपको हमने संवारा
आपकी खातिर।

by Pragya

Bardasht

March 1, 2020 in शेर-ओ-शायरी

जो बर्दाश्त न कर पाये वो दोस्त कैसा।

जो समझ न आये वो फिर रिश्ता कैसा।।

by Pragya

नजर भी

February 29, 2020 in Other

अपनी कमियो पर रखिये नजर भी जनाब।

हर बार गलती दूसरे की नही होती।।

by Pragya

दुआ

February 29, 2020 in Other

दर्द है उन्हे पर दर्द की वजह का पता नही।

दवा चाहिये या दारु या दुआ होगी कबूल…अब यह भी पता नही।।

by Pragya

Bhagya

February 29, 2020 in Other

गुजर रही है जिन्दगी यूं ही गुजर जायेगी।

प्रभु तेरी कृपा से भाग्य संभल जायेगी।।

by Pragya

वजह

February 29, 2020 in Other

मिलने की वजह भी हम बेवजह ढूँढते है।

उन्हें मिलना नही और हम बहाने ढूढते है।।

by Pragya

Talaash

February 29, 2020 in Other

तलाश करते हैं हम तुम्हारी।

बिना पते की चिट्ठियों की तरह।।

by Pragya

कहानी

February 29, 2020 in शेर-ओ-शायरी

यह मेरी कहानी

होठों पर हंसी और
आंखों में है पानी।।

by Pragya

Safayikarmi

February 29, 2020 in Other

कितनी गंदी हैं तुम्हारे शहर की गलियां।
सब कुछ साफ़ रहता था जब हम रहा करते थे।।

by Pragya

सवेरा

February 29, 2020 in शेर-ओ-शायरी

जो तू चाहे वो तेरा हो,

रोशन रातें और खूबसूरत सवेरा हो,

जारी रहें हमारी दोस्ती का सिलसिला,

कामयाब हर मंजिल पर दोस्त मेरा हो|*

by Pragya

नाम

February 29, 2020 in Other

“मोहब्बत” इसको कहते है
“उनके” “नाम” पर “सब” “लिखना”

पर उनका …….
“नाम” “ना “लिखना।

by Pragya

Baatein

February 29, 2020 in शेर-ओ-शायरी

दिल पर ना लो उनकी बातें ,

जो दिल में रहते हैं…!!!

by Pragya

तय

February 29, 2020 in Other

फ़ैसला हार जीत का तो समय तय करता है।

कोशिश मे रह जाये कसर यह तय हमे करना है।।

by Pragya

Acchha

February 29, 2020 in शेर-ओ-शायरी

डर कर आज तक क्या मिला है जमाने को।

दाव पर सब लगाना पड़ता है कुछ अच्छा पाने को।

by Pragya

जय हो

February 29, 2020 in Other

मेरा कुछ भी लिखना…प्रभु जी
तुमसे अर्चना का उपहार..
करना होता है…
अपने शब्दों से तुम्हे पुकारना…
तुम्हे याद करना होता है….

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