ख्वाइशों की उम्र नहीं होती

ख्वाइशों  की उम्र नहीं होती
कमबख्त अजर अमर होती है

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रेत के महलों की तरह ,हरदम ढहती है ये ख्वाइशें फिर भी हर पल क्यों सजती सवरती है ये ख्वाइशें उम्मीदे इन्ही ज़िंदा रखती सांसों…

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