ज़िन्दगी का अफ़साना..
कहीं दिन है कहीं रात है,
कहीं धूप कहीं बरसात है।
सुख और दु:ख आना-जाना है,
यही ज़िन्दगी का अफ़साना है।
लेकिन कुछ सुख-दुःख,
ठहर से जाते हैं जीवन में
सुख का ठहरना तो मन भाया,
दुःख का ठहरना ना रास आया।
यही कटु सच्चाई जीवन की,
कभी कुछ खोया, कभी कुछ पाया॥
_____✍गीता
मेरी कविता को पसन्द करने के लिए सावन का बहुत बहुत धन्यवाद 🙏, हार्दिक आभार