*नेकी*
नेकी कर दरिया में डाल,
यह कहावत बड़ी कमाल।
आओ सुनाऊं एक कहानी,
नेकी करने की उसने ठानी।
उस ने नेकी कर दरिया में डाली,
वह नेकी एक मछली ने खा ली।
नेकी खाकर मछली हो गई,
खुशियों से ओत प्रोत।
नेकी कर और बन जा,
किसी की खुशियों का स्रोत।।
_____✍️गीता
बहुत खूब
बहुत-बहुत धन्यवाद सर 🙏
वाह वाह बहुत खूब
बहुत-बहुत धन्यवाद भाई जी 🙏
Khubsurat Kalpana Khoobsurat abhivyakti
समीक्षा के लिए धन्यवाद प्रज्ञा