Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tej Pratap Narayan
Lives in New Delhi, India
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वो टहनियाँ जो हरे भरे पेड़ों से लगे हो कर भी सूखी रह जाती है जिनपे न बौर आती है न पात आती है आज…
नज़र ..
प्रेम होता दिलों से है फंसती नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…
सूखे नहीं थे धार आंशु के, पड़ गए खेतों मे फिर सूखे
सूखे नहीं थे धार आंशु के पड़ गए खेतों मे फिर सूखे
दुर्लभ पेड़
स्वतंत्रता दिवस काव्य पाठ प्रतियोगिता:- बहुत सारी वनस्पतियों में, बस एक ही है वो जादुई पेड़! हरा -भरा ,घना -निराला, अलग-अलग सी कलियां उसकी, खुबसूरत…
जय शिवशंकर गौरीशंकर
जय शिवशंकर गौरीशंकर पार्वतीशिव हरे-हरे (2) रामसखा प्रभु राम के स्वामी, विष्णुवल्लभ भोलेनाथ । जय शिवशंकर गौरीशंकर, पार्वतीशिव हरे-हरे (2) ।।1।। कैलाशपति प्रभु औढ़रदानी, नीलकंठ…
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