नवविवाहिता का पति को भाव–समर्पण…….

मेरे साजन तुम्हारा अभिनन्दन
————————————–
मेरा सजने को है जीवन–आँगन
मेरे साजन तुम्हारा अभिनन्दन…

भाव–विभोर मेरे नैनन में
स्वप्न ने ली अँगड़ाई है-
जो लिखी विधाता के.हाथों–
उस परम्परा की अगुवाई है
खिलने वाला है नव उपवन—-
मेरे साजन तुम्हारा अभिनन्दन

बहुपुष्प सुगंधित सा मन
अनुभूति–जैसे हरित चित्तवन
भावनाएँ थिरक रही ऋंगार कर–
प्रतिक्षामयी मेरा हर क्षण कण-कण
सरिता जैसे सिन्धु को अर्पण–
मेरे साजन तुम्हारा अभिनन्दन

कटु–मधु मिश्रित पथ जीवन
पर मेरा तुमसे इतना ही निवेदन
हों अधर पे सुवास हँसी की
जैसे–भ्रमर की गुन-गुन गुँजन
मेरी आतुरता—मेरा आलिँगन
मेरे साजन तुम्हारा अभिनन्दन

स्वीकार करके मेरा पल–पल
शुभ्भारम्भ नई शुरुआत की
कर प्रेम–सिंचन नित–नवल
मेरे एहसास की–जज़्बात की
समर्पण की मधुर स्पर्श-मिलन
मेरे साजन तम्हारा अभिनन्दन

अश्रुधार में लिपटी हुई है
यादें अबतक के क्षण की
पलकों की आँचल में सिमटी
गाथा जनक-जननी के अर्पण की

उनके चरणों में सदैव वन्दन
उनके कर्मों का ऋणी है जीवन
उनके आशीष से सुशोभित मेरा क्षण-क्षण
माँ–पापा ने सजाया मेरा जीवन–आँगन
मेरे साजन–तुम्हारा अभिनन्दन——–
मेरे साजन…….तुम्हारा अभिनन्दन..।।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

द्वय–वय–जीवन उत्कृष्ट विभूषित

हृदय–पटल पर नृत्यमय नुपुर झनक से झंकृत हूँ विस्मित मैं मधु-स्वर से विह्वल अभिराम को आह्लादित तिमिर अंतस को कर धवल— कनक–खनक करके उज्जवल सारंग–सा…

Responses

New Report

Close