सारा जीवन खो आया हूँ तब आया हूँ
सारा जीवन खो आया हूँ तब आया हूँ पाप पुण्य सब ढो आया हूँ तब आया हूँ तुम पावन हो देवतुल्य, मैं तुम्हें समर्पित कलुष हृदय का धो आया हूँ तब आया हूँ आहुति देकर छल छंदों की प्रेम हवन में तपकर जलकर विरह वेदना प्रेम अगन में चिंतन की वेदी पर करके अश्रु आचमन सुनो बहुत मैं रो आया हूँ तब आया हूँ देह के आकर्षण हैं झूठे, जान चुका हूँ नहीं तारती सदा जाहन्वी मान चुका हूँ त्याग चुका हूँ कामुकता के बंधन सारे मलिन प... »