कुछ बूंदे

तस्वीर तेरी रात भर तकती रही दो बोझल आँखें। पिघले हुए कुछ ख्वाब, आंसूं बनकर बहते रहे ।।   आसमान में बेख़ौफ़ उड़ने की अजब ज़िद थी उन्हें…

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