जिंदगी

कैसे समझाएं तुम्हें कि हम कोई झुंड नहीं है मवेशियों के कैसे यकीन दिलाएं तुम्हें कि हमारे भी कई ख्वाब हैं छोटी-छोटी ख्वाहिशें हैं जिन्हें…

तलाश

आज सिर्फ माँ की याद रह गयी है, उसके हाथ नहीं । न जाने, मैं किसकी तलाश में इस शहर आया था… ।

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