युद्ध =दोहे

May 25, 2021 in Other

विश्व शांति हो हो जाय अब, बुद्ध होय चहुँ ओर
सुख की वर्षा होय तब,मन ज्यूँ वन का मोर
2
युद्ध नहीं समाधान है, समस्याओ का जान
चाहे गीता भगवात, चाहे पढ़े कुरान

कहर =दोहे

May 25, 2021 in Other

सूनी सूनी सड़क है, सूना है संसार
पतझड़ जैसे पतन है, विलख रहे परिवार
2
घर में कैदी की तरह, जीवन रहे विताय
कहर भयानक है बहुत, कुछ भी समझ न आय

दोहे =नारी

May 25, 2021 in Other

अबला नहिं सबला हुई, घर से पंख पसार
बैठी है सर्वोच्च पद, देख रही संसार
2
नारी से दुनिया चले, नारी है बलवान
पूजा होती है जहां, रहते हैं भगवान्

कदम हटा ले

May 24, 2021 in शेर-ओ-शायरी

जुल्म की दुनिया में कदम रखने वाले
अभी समय है पीछे हटा ले
मरने के बाद भी सुख नहीं पाएगा
जीते जी दुनिया को स्वर्ग बना ले

सीखो

May 24, 2021 in शेर-ओ-शायरी

पाना चाहते हो तो खोना सीखो
हँसने से पहले रोना सीखो
पाना चाहते हो प्यार अगर
प्रेम के बीज बोना सीखो

धार्मिक

May 24, 2021 in शेर-ओ-शायरी

धार्मिक कैसे कहे जो धर्म के नाम पर लड़ जाते हैं
मत पाने के लिए कुछ लोग दंगे करवाते हैं
चोला पहनने से कोई संत नहीं होता
धार्मिक वो है जो प्रेम के दीपक जलाते हैं

दोहे =बुरे दिन

May 24, 2021 in Other

बुरे दिनों में ही सदा, आए ईश्वर याद
बांकी दिन करता नहीं, मन ईश्वर फरियाद
2
सदा बुरे दिन नहिं रहे, सुख की कीमत जान
बुरे दिनों से जुड़ गया, है रिश्ता भगवान्

छंद सोरठा =ईश स्मरण

May 24, 2021 in Other

मत करियो अभिमान, रावण का जब नहिं रहा
मन सुमिरो भगवान्, जीवन की मंजिल वही
2
दशरथ नंदन राम, मन मंदिर में आय कर
आप दया के धाम, दूर करो चिन्ताए सब

ईश्वर के द्वार

May 24, 2021 in Other

जाओ ईश्वर द्वार पर, मांगो मत वरदान
तन मन धन सब कुछ करो, प्रभु चरणों में दान, सभी कुछ देकर गाओ
कर्ता है भगवान्, आप अभिमान मिटाओ
कह पाठक कविराय, पारिस्थित जैसी पाओ
भाव रखो संतोष, ईश दरवाजे जाओ

फिजूल की कविताएँ

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

आजकल सावन में सारहीन अकविताओ का प्रभाव हो गया है
शायद श्रेष्ठ कवि होने का दावाव हो गया है
कवियों का मौन कुछ कहता है
मन में भी कोरोना का घेराव हो गया है

बताओ तो

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

बड़ी भयानक ये महामारी है
ब्लैक फंगस का भी कहर जारी है
बताओ तो भगवान् क्या दुनिया के
अंत करने की शुरू हुई तैयारी है

रोला छंद

May 23, 2021 in Other

कब से है बेकार, कोरोना पंगु बनाया
कुछ करिए सरकार, बहुत है मन घबराया
भगवन के भी द्वार, किसीने बंद कराया
व्याकुल है संसार, घरो मे आज समाया

सोरठा छंद

May 23, 2021 in Other

अब जैसे असहाय, कभी नहीं पहले हुए
कोई लेव बचाय, कोरोना यमराज से
2
उजड़ रहे परिवार, कहाँ गए भगवान् तुम
रोता है संसार, वैग्यानिक विचलित दिखे

तबाही

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

पागल हाथी की तरह कोरोना आया
पूरे देश में तबाही मचाया
मंदिर मस्जिद बंद है कहाँ जाए
गिन नहीं सकते इतने चिता जलाया

हाल मत पूछो

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

हाल मत पूछो बच्चो के रखवालों से
बंद पड़े हैं स्कूल यहां सालो से
जान है तो जहां है समझाते रहे
पंक्षी उड़ रहे असमय डालों से

कब तक

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

न जाने कब घर से बाहर निकल पाएंगे
कब तक कोरोना योद्धा मारे जाएगे
दिल की धड़कन बढ़ जाती है समाचार सुन
आखिर कब तक लोग सदा के लिए सो जाएगे

कोरोना

May 23, 2021 in Other

शरीर है कैद
मन भटक रहा है
कोरोना मानवता को
गटक रहा है
अस्पतालों में मानव
शिर पटक रहा है
गलियों मे पुलिस वाले
कहां भटक रहा है
काल ज्यूँ दरवाजे में
लटक रहा है
हाथ पाव हाथकड़ियां
मन चटक रहा है
राम जाने कब जाए
कोरोना खटक रहा है

बरसात के दोहे

May 23, 2021 in Other

मेघ सुधा जल बरसते, धरती शीतल होय
मेढक गाते गीत औ, व्याकुलता दे खोय
2 काले काले मेघ तब, जल ले वसुधा पास
गरज चमक मानो कहे, बुझाओ अपनी प्यास
3
जल स्रोतों को कर रहे, बादल जल का दान
सुखी हुए सब मीन सा, क्रषक उगाए धान

पैसा

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

पैसा कमाने के चक्कर में अपनो को भूल गए
मिल गए पैसे तो सेठ जैसे फूल गए
सब कुछ नहीं है पैसा एहसास हुआ
जब हम भगवान् की स्कूल गए

प्रार्थना

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

सच्चे मन से की गयी प्रार्थना कबूल होती है
माफ कर सकता है ईश्वर जो भूल होती है
मत बनो नास्तिक इसी में भलाई है
आदमी की औकात केवल धूल होती है

मत उछल

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

मत उछल ऊँट जैसे. मन पहाड़ के नीचे खड़ा है
कोई न कोई जरूर तुझसे बड़ा है
सबसे शक्तिमान होने के सपने न देख
हर पतंग को जमी पे आना पड़ा है

कविता का स्तर

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

मत गिराओ कविता का स्तर कविता डर जाएगी
पाठको और श्रोताओं की उम्मीद मर जायेगी
हर कोई कवि बनकर कुछ कहना चाहता है
जब कोई सुनेगा पढ़ेगा नहीं तो कविता क्या कर जाएगी

कौन है

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

कहते तो बहुत है मगर सुनता कौन है
सब नेता हैं गद्दार तो इन्हे चुनता कौन है
दिखावा विलासिता के सामान लाए हो
मेहनत है किसकी गुनता कौन है

महत्व

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

हंसी का महत्व क्या जाने जो रोए नहीं है
पाने का महत्व क्या जाने जो खोए नहीं है
नीद भूख प्यास की कीमत उनसे पूछो
जो कई दिनो से खाए पीए सोए नहीं है

छल की दोस्ती

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

छल का चेहरा आलिंगन करने चला है
हार के डर से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है
मुह में राम नाम बगल में छूरी है
वैर भाव अच्छा है दिल दोस्ती से घबराता है

वो चले है

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

कुल्हाड़ी ले के हाथ में वो काटने चली है
मिलजुल के रह रहे थे वो काटने चले है
हर हाल में उन्हे कुर्सी को बचाना है
आतंकियों के तलवे वो चाटने चले हैं

विग्यान

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

मत करो महाभारत सब नाश हो जाता है
राम चरित मानस मन क्यूँ नहीं दुहराता है
लालच व भय के वशीभूत मत तुम हो
विग्यान है वरदान अभिशाप क्यूँ बनाता है

प्रेम

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

नफरत नहीं उगेगी यहां प्रेम बोया जाता है
संप्रदाय है नहीं जो भाई को लड़ाता है
सज्जन का वेश लेकर रावण है फिर चला
होगा न हरण सीता को मारना भी आता है और

हिन्दुस्तानी

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

हर बार पड़ी जिसको मुह की खानी है
पर छोडता नहीं तू क्यूँ शैतानी है
अस्तित्व ही मिट जाएगा धरा से तुम्हारा
इक्कीसवीं सदी के हम हिंदुस्तानी है

भली राह

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

हर बुर. कर्मो का परिणाम आएगा
बोया अगर बबूल आम नहीं खाएगा
सोच समझ कर ही कदम बढ़ाना
भली राह चल वरना पछताएगा

गांधी जी

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

शांति और एकता की जंग को लडा
अहिंसा और प्रेम को जिसने किया बड़ा
पिता कहकर जिनका सम्मान करते हैं
जग में न दिखता कोई गाँधी जी से बड़ा

भारत

May 23, 2021 in शेर-ओ-शायरी

जिसने सदा ही शांति का संदेश दिया है
विश्व गुरु के पद पर आसीन किया है
आए कई तूफान जिनका सामना किया
भारत ने सुधा देकर भी विष को पिया है

भारत माता

May 23, 2021 in Other

माता भारत कथन है, मिलजुल रहना सीख
दुश्मन हमले कर रहा, सुन ले शरहद चीख
सुन ले शरहद चीख, देश के वीरो आओ
गांधी भगत सुभाष, धरोहर सभी बचाओ
कह पाठक कविराय, संघ का लेकर छाता
बरस रहा आतंक, बचाओ भारत माता

सब धर्म समान

May 23, 2021 in Other

अपना तो एक धर्म है, पर सबका सम्मान
करने में सुख निहित है, ईश्वर एक समान
ईश्वर एक समान, छोटा बड़ा न कहिए
संविधान निरपेक्ष, सदा मर्यादा रहिए
कह पाठक कविराय, रहा बापू का सपना
अनेकता में एक भाव दे भारत अपना

मानवता

May 23, 2021 in Other

मानव ही दानव बने, औ बनता भगवान्
मानव तन अनमोल है, मानवता है प्राण
मानवता है प्राण, धार्मिक झगड़े छोडो
ईश्वर सागर मान, नदी अवतार है जोडो
कह पाठक कविराय, एक उन्माद है दानव
ईर्ष्या नहीं सद्भाव, जोड़िए सब को मानव

संसार परिवार

May 22, 2021 in शेर-ओ-शायरी

मानो अगर मानव संसार ही परिवार है
फिर क्यूँ उठा रहे बंदूक औ तलवार है
इंसानियत के नाते सहयोग सबका करना
कर्तव्य कर संसार में करना तुम्हें अधिकार है

उपकार कीजिए

May 22, 2021 in शेर-ओ-शायरी

पाया है मानव तन तो उपकार कीजिए
छोटे बड़े सभी से ही प्यार कीजिए
उदर भरना जानवार भी जानते हैं खूब
नफरत से नहीं प्रेम से अधिकार कीजिए

दूर ना हो

May 22, 2021 in शेर-ओ-शायरी

मिलता रहे प्यार अपनो से दूर ना हो
कर न सके बात इतना मजबूर न हो
समझे एक दूसरे के जज्बात को
किसी भी परिस्थिति में क्रूर ना हो

बाधाएं

May 22, 2021 in शेर-ओ-शायरी

मत करो प्रार्थना बाधाओं को आने दो
मुकाबला करो और जाने दो
हिम्मत रखो तो बाधा॒एं झुक जाती है
कह दो बाधाओं से रोयेंगे नहीं गाने दो

जीत और हार

May 22, 2021 in शेर-ओ-शायरी

नदी के किनारे है जीत और हार
नदी का बहता पानी है तुम्हारा प्यार
नौका की जरूरत नहीं साथ रहो
पार कर जाएंगे नदी की मझधार

हार जाएंगे

May 22, 2021 in शेर-ओ-शायरी

अपनो से कैसी प्रतियोगिता हम हार जाएंगे
आँगे बढ़ेगे अपने हम मल्हार गाएंगे
तुम्हारी ऊंचाइयों की छाँव में रहकर हम
जीने के लिए तुमसे उपहार पाएंगे

पछताएगे नहीं

May 22, 2021 in शेर-ओ-शायरी

मुश्किलों का दौर है घबराए गे नहीं घर के बाहर अभी जाएगे नहीं
छुआ छूत की बीमारी आई है
सावधान रहेगे तो पछताएगे नहीं

हारे हुए योद्धा

May 22, 2021 in शेर-ओ-शायरी

वो भी योद्धा है जो जंग के मैदान में हार जाते हैं
पूंछता नहीं कोई समाज वाले भी मार जाते हैं
सहानुभूति की जरूरत है हारे हुए योद्धा को
पा जाए सहारा तो मंजिल के द्वार जाते हैं

कलम

May 22, 2021 in शेर-ओ-शायरी

मुह जो नहीं कह सकता वो कलम कहेगी
जुल्म होगा तो चुप नहीं रहेगी
कलम को मत मानो कमजोर हथियार
अत्यचारियों के रक्त की धारा बहेगी

सहयोग, श्रम, शांति

May 22, 2021 in शेर-ओ-शायरी

सहयोग, श्रम, शांति बहुत जरूरी है
करते रहे प्रयास भले मजबूरी है
मानवता के आभूषण है तीनो
इनके बिना मानवता अधूरी है

कविता

May 22, 2021 in शेर-ओ-शायरी

कविता विचारों को व्यक्त करने का बहाना है
कविता सच्चाई को सुनना और सुनाना है
कविता अक्सर बन जाती है अपने आप
कविता संसार से रागात्मक संबंध बनाना है

आदमी

May 22, 2021 in शेर-ओ-शायरी

एक रोटी के लिए अक्सर कुत्ते लड़ जाते हैं
आदमी वो है जो मिलबाँट कर खाते हैं
आदमी वो है भूखे रहकर मां की तरह
खाते हैं बाद में पहले खिलाते हैं

बेकारी

May 22, 2021 in Other

बेकारी उत्पन्न हो, जब जनसंख्या बुद्धि
सीमित संसाधन नहीं, सबको सुख समृद्धि
सबको सुख समृद्धि, स्ववलंबी बन जाओ
कर दो लज्जा त्याग, नहीं बेकार कहाओ
कह पाठक कविराय, जीत हो जाय तुम्हारी
छोटा बड़ा न काम, करे जाए बेकारी

बूढ़े और बच्चे

May 22, 2021 in Other

बच्चे बूढ़े एक से, दोनों को दे प्यार
दीपक हैं परिवार के, करते हैं उपकार
करते हैं उपकार, जरूरत इन्हे तुम्हारी
रखना सदा प्रसन्न, उठाओ जिम्मेदारी
कह पाठक कविराय, ये दोनों दिल के सच्चे
भूतकाल में वृद्ध, व भावी होते बच्चे

कुण्डलिया छोटा परिवार

May 22, 2021 in Other

छोटा हो परिवार अब, रखना इसका ध्यान
जनसंख्या तलवार सी, निकल रही है म्यान
निकल रही है म्यान, समस्या होगी भारी
धरती का विस्तार, न होगी मारामारी
कह पाठक कविराय, शपथ लो जल ले लोटा
हम दो के दो चार, नियोजन से हो छोटा

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