Categories: शेर-ओ-शायरी
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माँ शारदे वरदान दो
माँ शारदे वरदान दो वरदायिनी वरदान दो मेरे उर में तेरा वास हो हर रोम में प्रकाश हो सन्मार्ग पर मैं चल सकूँ मुझे अभय…
राम, राम, राम तु रटते जा
राम, राम, राम तु रटते जा मन से मन की विकार तु हटाये जा राम से ही जन्मों का पाप धुलता राम से ही राम…
करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
जो आत्मनिर्भर है
1 जो आत्मनिर्भर है, उन्हें आत्मसम्मान की शिक्षा दे रही हैं क्यूँ हमारी सरकार? मजदुर अपने बलबूते पर ही जिन्दगी जीते, ये जाने ले हमारी…
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम कोई तुझसे क्या माँगे, तुम किसी को क्या देते हो…
उत्कृष्ट रचना
अतिसुंदर
बहुत सुंदर पंक्तियां