कुछ तो बदले हम
कुछ तो बदले हम , कुछ बदल गई फ़िज़ा भी
कुछ तो हैरा है चमन और कुछ खिजाँ भी
अपने चेहरे का गांव कब तब्दील हुआ शहर में
कुछ तो मज़बूरियां थी मगर और कुछ रजा भी
राजेश’अरमान’
कुछ तो बदले हम , कुछ बदल गई फ़िज़ा भी
कुछ तो हैरा है चमन और कुछ खिजाँ भी
अपने चेहरे का गांव कब तब्दील हुआ शहर में
कुछ तो मज़बूरियां थी मगर और कुछ रजा भी
राजेश’अरमान’
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Wah wah
बहुत सुंदर
👏