Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
ओमप्रकाश चंदेल
कविता, गीत, कहानी लेखन
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वंदेमातरम् गाता हूँ
नारों में गाते रहने से कोई राष्ट्रवादी नहीं बन सकता। आजादी आजादी चिल्लाने से कोई गांधी नहीं बन सकता। भगत सिंह बनना है तो तुमको…
छत्तीसगढ़ के घायल मन की पीड़ा कहने आया हूँ।
मैं किसी सियासत का समर्थन नहीं करता हूँ। भ्रष्टाचार के सम्मुख मैं समर्पण नहीं करता हूँ॥ सरकारी बंदिस को मैं स्वीकार नहीं करता हूँ। राजनीति…
ये तो वही किसान है
चिड़ियों के चहचहाने से पहले, बैलो के रंभाने से पहले जो जाग जाता है, ये तो वही मेहनत का पुजारी किसान है| अन्न को उपजाने…
हिन्दी सावन शिव भजन 20 – गाता है जग सारा |
हिन्दी सावन शिव भजन 20 – गाता है जग सारा | चम चम माथे चमके चन्दा बहे जटा बीच गंगा धारा | शिव शंकर की…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
very nice
Thanks
umda..behatreen!
धन्यवाद आपका
बहुत सुन्दर दिल को छु लिया
बहुत बहुत धन्यवाद आपका
वाह