वो रोती रही
वो रोती रही रात भर इसलिये
कि सरहद से आई खबर इसलिए।
बड़े नाज से उसने पाला जिसे
वो आया तिरंगे में घर इसलिए।
सुहागन लगी चूड़ियाँ तोडने
चलेगी अकेली डगर इसलिए।
कोई तो मिलेगा उसे रहनुमा
चली आस की राह पर इसलिए।
हुई हाल खस्ता बहुत जिंदगी
बदलते हैं रिश्ते सफर इसलिए।
…….. सतीश मैथिल “तनुज”
बेहतरीन कविता… शहादत को नमन
सादर आभार
सादर आभार आपका
nice
सादर आभार सम्माननीया
सादर आभार सम्माननीया
Very nice sir
बहुत शुक्रिया आपका
बहुत शुक्रिया आपका
लाज़बाब