Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीर मैं सुनाने को अपनी मनोवेदना हूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की…
बापू तुम्हारे सपनों को हम साकार करेंगे
बापू तुम्हारे सपनों को हम साकार करेंगे। हम हिन्द के हैं बालक सेवादार बनेंगे।। इसे प्यार करेंगे।। मूल मंत्र जो दिया आपने, सत्य अहिंसा का…
मोबाइल मोह
कुछ दिल,कुछ धड़कन बन गया है,ना देखू एक पल तो मन बेचैन हो जाता है। कैसे एक मशीन जीवन का सार बन गई है,जैसे कोई…
ज़िन्दगी मोबाइल की गुलाम हो गई..
ज़िन्दगी “मोबाइल” की गुलाम हो गई , “मोबाइल” के संग ही सुबह और शाम हो गई लिखना हो तो मोबाइल, पढ़ना हो तो मोबाइल, अब…
मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया
मोबाइल की दुनिया, ये है अजब अनोखी, जिसमें सबकुछ होता है जलवाहीं और रोचक। हर आदमी का हाथ में, यहाँ तक कि बच्चों के पास,…
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