कुछ भी कह देना सरल है
दगा करना सरल है
वफ़ा करना कठिन है
गिराना सरल है किसी को
उठाना कठिन है।
दिल जोड़ लेना और
अपना बोल लेना सरल है,
निभाना कठिन है।
कुछ भी कह देना सरल है
कर पाना कठिन है,
चाँद तोड़कर लाने की
बात करना और भी सरल है,
हर परिस्थिति में मुहब्बत करना
और भी कठिन है।
Very very nice poem
बहुत ही सुंदर रचना
“दिल जोड़ लेना और अपना बोल लेना सरल है,
निभाना कठिन है। कुछ भी कह देना सरल है
कर पाना कठिन है,” जीवन की सच्चाइयों को उजागर करती हुई बेहद गंभीर रचना है यह ।अपना बोल लेना तो बहुत ही सरल है ,कठिन तो निभाना ही होता है। इसीलिए तो जो निभाते हैं,उनकी कद्र होती है, उन्हें लोग याद करते हैं।कवि सतीश जी की बहुत सुन्दर और दिल को छू लेने वाली कविता