कोरोना -काल

इंसान इंसान से डरने लगा,
अदृश्य जीवों से मरने लगा।
जिन लोगों से महकती थी ज़िंदगी,
उनसे मिलने से मुकरने लगा।
वो दौर ना रहा, ये दौर भी जाएगा,
मिलकर “अकेले – अकेले” ये दुआ करने लगा।

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