गीत

मैं गीत क्या रचूंगी,
तुम प्रेरणा न बनते

मेरे निष्ठुर उर मैं,
वन वेदना न उठते

मैं गीत क्या रचूंगी
तुम प्रेरणा न बनते

-विनीता श्रीवास्तव(नीरजा नीर)-

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