यूँ तो नज़रन्दाज़ नहीं करते लोग खामियाँ मेरी
यूँ तो नज़रन्दाज़ नहीं करते लोग खामियाँ मेरी,
तो मैं भी क्यूँ दिखाऊं खुलकर उनको खूबियां मेरी,
अभी सीख रहा हूँ तैरना तो हंसी बनाने दो मेरी,
जब डूब कर समन्दर से निकल आऊंगा तो देखेंगे वो करामात मेरी॥
राही (अंजाना)
बहुत अच्छा
sundar 🙂
आभार
Nice Uncle Ji?
Thank you