वो निरीह आंखे
वो बूढ़ी निरीह आंखों में,
कुछ सपने दिखाई पड़ते हैं।
कुछ अपनो से मिलने को,
दिल की धड़कन सुनाई पड़ते हैं।।
आशा है, उमंग है, प्यार हैं,
लेकिन उन सुनी आंखों में दिखता इंतजार है।
इस फीकी सी मुस्कान में,
ना जाने कितने दास्तां दबाए बैठे हैं।
और दिल में ना जाने कितना ही,
शिकायतों से लिपटा प्यार छुपाए हुए हैं।
फिर भी एक इंतजार के साथ,
अपनो के लिए सिर्फ दुआ और दुआ ही है।।
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