सत्य मरता नहीं
झूठ की मिट्टी डालकर
दफनाया गया है
सत्य को
परंतु वह अभी भी जीवित है
मरा नहीं
देर से ही सही
भयानक रूप धारण कर
सामने आएगा एक दिन
वह एक दिन
ऎसी अंधेरी रात लाएगा
कि फिर कभी
सवेरा नहीं होगा
इसी अंधेरी रात में
गुम हो जाएंगे महल
और समाप्त हो जाएगी
दुनिया
Nice
सत्यम शिवम सुंदरम की भावना से परिपूर्ण है आपकी रचना
अतिसुंदर
क्या बात है अति सुदर
बहुत सुंदर प्रस्तुति