Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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मोर रंग दे बसंती चोला, दाई रंग दे बसंती चोला
ये माटी के खातिर होगे, वीर नारायण बलिदानी जी। ये माटी के खातिर मिट गे , गुर बालक दास ज्ञानी जी॥ आज उही माटी ह…
आओ रंग लो लाल
आओ रंग ले एक दूसरे को, बस तन को नहीं मन को भी रंग ले…. हर भेदभाव जात-पात को रंग ले धर्म के नाम को…
लाल चौक बुला रहा हमें, तिरंगा फहराने को
सिहासन के बीमारों ,कविता की ललकार सुनो। छप्पन ऊंची सीना का उतर गया बुखार सुनो। कश्मीर में पीडीपी के संग गठजोड किये बैठे हैं। राष्ट्रवाद…
भोजपुरी होली 8–सड़िया ले अइह |
भोजपुरी होली 8–सड़िया ले अइह | सड़िया ले अइह लाल लाल | ये सइया आ गईले फगुनवा | होलिया मे रंगब तोहरो गाल | ये…
एक शहीद का खत
एक शहीद का खत….. ‘माॅ मेरे खत को तू पहले आॅखों से लगा लेना चूमना होठों से इसे फिर आॅचल में छिपा लेना।’ कि….. बेटा…
short and deep