Kya Kare Koi
…..………………….Just A Few Lines………………..
उसकी खुशबू से महकी हैं सारी फ़िज़ाये
गुलों के रंग भी यूँ फीके पड़ जाए
न मय न मय-खाना ये जादू कर पाए
उसका नशा यूँ, कोई क्या ही कर पाए….
जो बीते है हम पर कोई उनको बतलाये
दिल हैं संभालें पर धड़कन ना आये
आफत-ए-इश्क़ वो हमको समझाएं
पर होवे दोबारा, कोई क्या ही कर पाए….
– पीयूष निर्वाण
Waah
Shukriya
bahut khoob
Shukriya @panna
वाह