भोजपुरी सरस्वती वंदना – विनवा के तार |

भोजपुरी सरस्वती वंदना – विनवा के तार |
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार |
हंस चढ़ी चली आवा माई हाली हमरे द्वार |

अज्ञानी अनाड़ी तोहके हम हरदम पुकारेली |
सुनर गोर रूपवा माई हम एकटक निहारेली |
बल बुद्धि देतु माई करा हमरो उद्धार |
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार |

दुनिया मे केहु नईखे बिना तोहरे मोर सहारा |
डलतू नजरिया हमरो मिल जात अब किनारा |
तोहरों चरनिया पूजे माने सारा संसार |
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार |

रूपवा तोहार देवी खूब चम चम चमकेला |
मनवा हमार बिना तोहरे डह डह डहकेला |
बिदद्या के देवी शारदा भर दा झोलिया हमार |
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार |

अँखिया के लोर मोर टप टप टपकत बा |
ज्ञान बिना भारती अब गली गली भटकत बा |
किरीपा करा भवानी होखे मोर लेखनी सुधार |
झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार |

श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी
बोकारो, झारखंड,मोब- 9955509286

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Responses

  1. अज्ञानी अनाड़ी तोहके हम हरदम पुकारेली |
    सुनर गोर रूपवा माई हम एकटक निहारेली |
    बल बुद्धि देतु माई करा हमरो उद्धार |
    झन झंकार बाजे माई तोर वीनवा के तार |
    —— वाह लोक भाषा में मां सरस्वती की वंदना करते हुए कवि श्री श्याम कुंवर भारती जी ने काव्य की अनुपम छटा बिखेरी है। बहुत खूब।

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