भजन

कर ले राम भजन रे भाई। राम भजन की महती महिमा वेदों ने है गाई । तड़े अजामिल गणिका तड़ गई तड़ा सदनकसाई।। ध्रुव प्रह्लाद…

विनती

हे घनश्याम गोपाल मुरारी। मेरी सुधि लो गिरिवरधारी।। दीनबंधु करुणा के सागर। भगतबच्छल प्रभु आरतहर।। जगतपति जगतारनहारी, मेरी सुधि लो गिरिवरधारी।। तेरी कृपा बरस रही…

पंछी

जालिम हमें हमारी दिल की गुमान दे दो। रखो जमीन अपनी कुछ आसमान दे दो।। जज़्बात की ये कैंची मेरे पंख पे चलाके। पंगु बना…

रावण दहन

रावण का पुतला जला जला अम्बर को काला कर डला। अहंकार का पुतला जला न पाया खुद को रावण कर डाला।। सत्य धर्म के ख़ातिर…

चांद की ब्यथा

निज आंगन में बैठा- बैठा देख रहा था चन्द्र वदन को। धवल सुशीतल चन्द्रकिरण ने नहलाया बसुधा के तन को।। सुधा सुधाकर बरसाए पर निज…

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