भजन
कर ले राम भजन रे भाई।
राम भजन की महती महिमा वेदों ने है गाई ।
तड़े अजामिल गणिका तड़ गई तड़ा सदनकसाई।।
ध्रुव प्रह्लाद विभीषण सबरी सतानंद की माई।
राम राम कह जरठ जटायु परम गति को पाई।।
दुख दुनिया में मनका मेरे सुख की आग लगाई।
राम नाम के गान बिना यह जीवन है दुखदाई।।
मानव तन अनमोल तुम्हारे ना कर पाई -पाई।
‘विनयचंद ‘रे राम भजन कर रट ले कृष्ण कन्हाई।।
पंडित विनय शास्त्री
वाह
सुन्दर रचना
Wah
Ram Naam he khevan hara
Good
Wah
वाह
👏👏👏