मैं किसान हूं|
मैं किसान हूं , हां मैं किसान हूं | धरती मां की मैं ही आन बान शान हूं| मैं किसान हूं|| धरती मां को चीर के तुम्हें खिलाया है, अपना पसीना पौछकर तुम्हें जिलाया है, अपनी नींदें भूलकर तुम्हें सुलाया है, तुमने मुझको आज क्यों इतना रुलाया है, यह मत भूलो मैं करता ,अन्न दान हूं मैं किसान हूं , हां मैं किसान हूं| मैं किसान हूं|| मैं सड़कों पर आज हुआ क्यों, इतना मैं मजबूर हुआ क्यों, मुझको तुमने छोड़ दिया क्यो... »