बिटिया

दुनिया का भी दस्तूर है जुदा, तू ही बता ये क्या है खुदा? लक्ष्मी-सरस्वती, हैं चाह सभी की, क्यों दुआ कहीं ना इक बेटी की…

रक्षा- बंधन – बहन भाई से बोली

एक बार रक्षा-बंधन के त्योहार में, बहन भाई से बोली बड़े प्यार में मेरी रक्षा करना तुम्हारा फ़र्ज़ है क्योंकि तुम पर इस रेशम की डोरी का क़र्ज़ है भाई भी मुस्कुरा कर बोला बहन के सिर पर हाथ रख कर तुम्हारी इज़्ज़त की रक्षा कारूँगा मैं अपनी जान हथेली पर रखकर यह सुना बहन ने तो बोली थोड़ा सा सकुचा कर यह इक्कीसवीं सदी का जमाना है भाई अपनी इज़्ज़त की रक्षा तो मैं खुद कर सकती हूँ मुझे तुम्हारी जान नहीँ पैसा ही नज़राना है भाई अगर बहन की इज़्ज़त चाहिए तो कलर टी. वी मेरे घर पंहुचा देना इस बार तो इतना ही काफ़ी है फिर स्कूटर तैयार रख लेना वी.सी.डी. भी दो तो चलेगा फिर मेरे रूम में…

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