जो झुका वोही तो फलता है
जो झुका वोही तो फलता है जो अकड़ा वोही तो कटता है …… यूई
जो झुका वोही तो फलता है जो अकड़ा वोही तो कटता है …… यूई
झुकना ही तो नम्रता है अकड़ा वो तो मुर्दा है …… यूई
तेरे इशक की शराब पी मैंने बरसों पी मैंने पर बहक गया आईना मेरा रकीब लगता है मुझे यह आईना मेरा देखता है कोई भी…
मयकदे की सीढ़ियाँ तो चढ़ ना पाए कैसे रख पाओगे लाज़ तुम पैमाने की बीच राह् में ही कही तुम बहक गए कदम मंज़िल से…
ए ज़िन्दगी जीतेंगे हम जीतेंगे इस मुश्किल को भी जीतेंगे जीतेंगे हम जीतेंगे हम हारी बाज़ी जीतेंगे जीतेंगे हम जीतेंगे भँवर से गुज़र कर…
ए ज़िन्दगी इस बाधा को पार करने में क्या हमें कठिनाई है …… यूई
ए ज़िन्दगी सभी बाधाओं को तोड़, चाहतें तेरी हमने कमाई हैं …… यूई
ए ज़िन्दगी यह छोटी सी रुकावटे तुम्हें हमसे ना ज़ुदा कर पायेंगी …… यूई
ए ज़िन्दगी हौसलों की परवाज़ो से हर मुश्किल छोटी कर पाई है …… यूई
ए ज़िन्दगी मुश्किल राहों को सर करने की अपनी पुरानी रवाई है …… यूई
ए ज़िन्दगी कितने व्यवधानों में डाल तूने हमारी वफ़ा आज़्मायी है …… यूई
ए ज़िन्दगी सब भँवरो और तूफानों से, तुझे बचाने की इच्छाई है …… यूई
ए ज़िन्दगी तू इक दिन तो जानेगी, हम तेरे कितने शौदायी हैं …… यूई
ए ज़िन्दगी आसान ना थी कभी तेरी राहें पर हमने वफ़ा निभायी है …
तेरे दिल का गरूर
चाहे दिन और रात के ख्वाबों का इक दूजे से कोई रिश्ता नाता नही दिन के ख्वाबों ने अकसर दे धोखा यूई को रातों में…
ख्वाब ना हैँ किसी की जागीर ख़ुद ही अपनी मर्ज़ी के है पीर आते किसी भी वक्त यहां पे जाते हैँ किसी भी वक्त यहा…
ख्वाब तो फिर ख्वाब है एक उमर उनकी है तयशुदा टूटते कितने है हर रोज़ यहां जमते भी हैँ कितने रोज़ यहां …… यूई
ख्वाब चुनते है अकसर हर तस्वीर अधूरी हो हर तस्वीर पूरी यह कतय नही ज़रूरी ख्वाहिश-ए-दिल तेरे की क्या मर्ज़ीया यहा पढ़ सकता है तो…
वोह दिन के हो या रात के वोह ख़ुद के हो या मीत के ख्वाब तो आख़िर ख्वाब हैँ ख्वाबों को ख्वाब ही रह ने…
नए ख्वाबों का आना भी ज़रुरी है पुराने ख्वाबों का जाना भी ज़रुरी है है इनक़ी फि़तरत कुछ हमारी मानिंद नये के लिए पुराने का…
ख्वाब भी है कुछ हमारे ही जैसे चाहे दिखते हैँ बाहर से इक जैसे उम्र यहां किसी की पूरी किसी की अधूरी उम्र ख्वाबों की…
रातों के ख्वाब गर लुट जाएँ तो उनका कुछ भी गम नहीं दिन के ख्वाब गर लुट जाएँ ज़िन्दगी में फिर गम कम नहीं …
ख्वाब वही आँखें वही सोच वही सोचने वाला वही रात के ख्वाबों की तस्वीर नही दिन के ख्वाबों की तक़दीर नही …… यूई
ख्वाब मेरे दुश्मन तो नही पर तब वोह मुझको चुभते हैँ जब रूह तड़प कर उठती है वोह जलता है कुछ अन्दर से …
कुछ ख्वाब कभी रुक जाते हैँ ता-उमर बना घर पलकों तले हां बाहर से वोह दिखते नही अन्दर से पल पल तड़पाते है ………
दिन के ख्वाब रातों में रातों के ख्वाब दिन में गर ना दिलाएँ याद अपनी तो ज़िन्दगी हो जाए अपनी …… यूई
रात के ख्वाब सुलाते हैं दिन के ख्वाब रुलाते हैँ मंज़िर वोह खुली आँखों के अन्दर से काट काट कर जाते हैँ …… यूई
रात के ख्वाब ना दिन में कभी मुझे सताते हैं दिन के ख्वाब क्यों रातों को बेकरार कर जाते हैं …… यूई
तेरा सजदा – 111 कोई काँटों पे चल समा तुझमें जाता है कोई फूलों की राह भी ना चल पाता है …
तेरा सजदा – 107 कोई तेरी रोशनी में जीवन भर जीता है कोई तेरी रोशनी को जीवन भर खोता है …
तेरा सजदा – 104 कोई ग़ुरबत के वक्त को तेरी रज़ा मान हाथ जोड़ जाता है कोई दौलत की माया में ख़ुद के गुणगान…
तेरा सजदा – 99 कोई तेरे सामने कुछ भी ना बोल पाता है कोई तेरे सामने इच्छाओं का पिटारा खोल जाता है …
तेरा सजदा – 97 कोई ख़ुद में भी तुमसे ही मिलता है कोई सब में भी ख़ुद से ही मिलता है ………
तेरा सजदा – 83 कोई सब में कोई फर्क ना ढूंढ़ पाता कोई ख़ुद सा कोई को ना ढूंढ़ पाता …… यूई
तेरा सजदा – 79 कोई तुझको ख़ुद पे नाज़ करा जाता कोई ख़ुद को ही दागदार करा जाता …… यूई
तेरा सजदा – 78 कोई इस जीवन से ईमान बना कर जाता कोई इस जीवन से ईमान गिरा कर जाता …
तेरा सजदा – 71 कोई तेरे मन की रज़ा को समझ जाता कोई ख़ुद के मन को भी जान ना पाता …
तेरा सजदा – 68 कोई जीवन भर तेरी दुनिया को सज़ाता कोई जीवन भर उसको विकृत करता ….. यूई
तेरा सजदा – 60 कोई टूट के तुझको भजता कोई टूट कर तुझको भजता ….. यूई
तेरा सजदा – 49 कोई जो दिया तूने उसका आभार जताता कोई जो ना दिया उसकी शिकयात जताता ….. यूई
तेरा सजदा – 48 कोई खुद के लिए तेरे पास है आता कोई सबके लिए तेरे पास है आता ….. यूई
तेरा सजदा – 47 कोई पल पल तेरा शुकर है मनाता कोई अगले ही पल तुझे भूल जाता ….. यूई
तेरा सजदा – 46 कोई बोल के तुझको अपने पाप भूलाता कोई लालच दे तुझे अपने पाप भूलाता ….. यूई
तेरा सजदा – 45 कोई दिल ही दिल में तुझे जपता कोई बोल बोल मंतर तुझे जपता ….. यूई
तेरा सजदा – 44 कोई तुझे रंग रंग कर धियाता कोई खुद को रंग कर है धियाता ….. यूई
तेरा सजदा – 43 कोई बाल मुंडवा कर धियाता कोई बाल बड़ा कर धियाता ….. यूई
तेरा सजदा – 22 कोई तुझे भूखा रह कर जपता कोई भर पेट खा कर ना जपता ….. यूई
तेरा सजदा – 19 कोई तुझे इक रंग में जपता कोई तुझे हर रंग में रमता ….. यूई
तेरा सजदा – 17 कोई तुझे इक नाम में जपता कोई तुझे कितने नामों से जपता ….. यूई
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