ऐसी है मेरी हिन्दी

जन-जन की भाषा है हिंदी,
भारत की आशा है हिंदी ।
जिसने पूरे देश को जोड़े रखा है,
वो मजबूत धागा है हिंदी ।
हिन्दुस्तान की गौरवगाथा है हिंदी,
एकता की अनुपम परम्परा है हिंदी ।
जिसके गर्भ से रोज नई कोंपलें फूटती है,
ऐसी कामधेनु धरा है हिंदी ।
जिसने गुलामी में क्रांति की आग जलाई,
ऐसे वीरों की प्रसूता है हिंदी ।
जिसके बिना हिन्द थम जाए,
ऐसी जीवनरेखा है हिंदी ।
जिसने काल को जीत लिया है,
ऐसी कालजयी भाषा है हिंदी ।
सरल शब्दों में कहा जाए तो,
जीवन की परिभाषा है हिंदी ।

– कपिल मिश्रा

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