*दोस्ती*
निस्वार्थ प्रेम का,
एहसास है दोस्ती
जीवन में घोले,
जो मिठास है दोस्ती
कठिन समय में,
दे साथ है दोस्ती
बिन मांगे मुसीबत में,
काम आए है दोस्ती
भरोसा होता नहीं है,
आजकल हर किसी पर
जिस पर हो जाए भरोसा,
उसका नाम है दोस्ती..
*****✍️गीता
दोस्त ही हमेशा हर हालात में साथ होते हैं अपने तो वक्त के साथ बेगाने होते जाते हैं। रचना के माध्यम से सटीक अभिव्यक्ति गीता जी
समीक्षा हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर
दोस्ती पर सुंदर भावों से सुसज्जित रचना
जिसके माध्यम से कवि गीता जी ने दोस्ती के उसूलों और सच्चा मित्रता को परिभाषित किया है…
आपकी इस सुंदर समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद प्रज्ञा जी
अतिसुंदर भाव
बहुत बहुत धन्यवाद भाई जी 🙏