नादान दिल
जिस भी किसी पर गई नजरे उसी का हो गया
नादान सा ये दिल है मेरा हर किसी का हो गया
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1:- किस शर्त पर मै अब तुझे दिल में बसा के प्यार दूँ
हर शख्स की नीयत यही के दुश्मनी का हो गया
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2:- हमने खुदा का तरह पूजा था उसे जब इश्क में
वो तो खुदा था और आखिर वो सभी का हो गया
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3:- वो हर कदम पर भी मुझे ठुकरा दिया करती रही
वो मेरी तो हो ना सकी मै शायरी का हो गया
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4:- बाजार में वो शख्स आखिर यूँ ही तडप कर मर गया
ये दौर अब वो है कि साहिब बुजदिली का हो गया
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5:- थक सा गया हूँ जिन्दगी तुझको समेटे जा रहा
ये दिल तो कब का हारकर अब खुदकुशी का हो गया
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6:- बस इस कदर हारा हूँ मै जिन्दगी से येँ अमित
ये तो मेरी ना हो सकी मै जिन्दगी का हो गया
?:-अमित तँवर
V nice
sukriya ji
Umdaah
Bhoout khoob bhai mast hai
वाह बहुत सुंदर रचना