हालत को समझा है मैंने

खामोशियोँ को मेरी कमजोरी ना समझ

हालत को समझा है मैंने,  हारा नही

 

….. यूई

Related Articles

आज़ाद हिंद

सम्पूर्ण ब्रहमण्ड भीतर विराजत  ! अनेक खंड , चंद्रमा तरेगन  !! सूर्य व अनेक उपागम् , ! किंतु मुख्य नॅव खण्डो  !!   मे पृथ्वी…

Responses

New Report

Close