कुर्सी
कुर्सी
आप भी निराली हो,
तरह तरह के लोगों के लिए
तरह-तरह की छवि वाली हो।
अलग-अलग लोग
अलग अलग तरह की कुर्सी,
छोटी-बड़ी, कच्ची-पक्की
स्टाइलिश, साधारण
लकड़ी की
प्लास्टिक की,
कठोर, आरामदायक।
हर तरह की हो,
कुर्सी तुम
तरह-तरह की हो।
कुर्सी
आप भी निराली हो,
तरह तरह के लोगों के लिए
तरह-तरह की छवि वाली हो।
अलग-अलग लोग
अलग अलग तरह की कुर्सी,
छोटी-बड़ी, कच्ची-पक्की
स्टाइलिश, साधारण
लकड़ी की
प्लास्टिक की,
कठोर, आरामदायक।
हर तरह की हो,
कुर्सी तुम
तरह-तरह की हो।
You must be logged in to post a comment.
Please confirm you want to block this member.
You will no longer be able to:
Please note: This action will also remove this member from your connections and send a report to the site admin. Please allow a few minutes for this process to complete.
यथार्थ परक रचना
कुर्सी तेरी बात निराली
पाण्डेयजी ने सब कह डाली। अतिसुंदर।