गुब्बारे

देख गुब्बारे वाले को जब
बच्चे ने आवाज़ लगाई
दिला दो एक गुब्बारा मुझको
माँ से अपनी इच्छा जताई।

देखो न माँ कितने प्यारे
धूप में लगते चमकते सितारे
लाल, गुलाबी, नीले ,पीले
मन को मेरे भाते गुब्बारे।

देख उत्सुक्ता माँ तब बोली
बच्चे माँ मन रखने को
भैया दे दो इसको गुब्बारा
पैसे ले लो मुझसे तुम।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

अपहरण

” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों  की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…

शिव स्तुति

Listen Shiv Stuti मुक्ति स्वरूप अनंत अनादि समर्थ शाश्वत सर्वत्र व्यापी निर्गुण निरीह निर्विकल्प नमामि जटा में सुशोभित मोक्ष प्रदायिनी मैं उस ईश्वर को नमन…

Responses

New Report

Close