चाहिए सब कुछ जुबाएँ ना साथ देती ।।
					सब कुछ चाहिए जुबाएँ  ना साथ देती,
       जब आती है रिश्ते शादी की जुबाएँ पर मिठास होती,
           देख अच्छे से ऐसी — वैसी बात होती–
चाहिए सब कुछ जुबाएँ ना साथ होती।
बात बन जाती तब होती बात समाधी की तब लम्बी–लम्बी बात होती,
      चाहिए सब कुछ जुबाएँ ना साथ होती,
 पहले बार मे लेने देने की बात नही होती, दुसरे बार मे फरमाइस होती,
चाहिए सब कुछ जुबाएँ ना साथ देती।।
                   आ जाता जब दिन नजदीक शादी की पड़ोसी का धर भरा देखकर  फरमाइस हजार होती,
         सब कुछ चाहिए जुबाएँ   ना साथ होती,
फिर होती औकाद की बात,
           फिर इस तरह की बात होती  अभी ना मिलेगा तब कब मिलेगा ऐसी ऐसी बात होती।
चाहिए सब कुछ जुबाएँ ना साथ होती,
जब कुछ कमी रह जाती तो ऱिश्ते मे खट्टास होती,
चाहिए सब कुछ जुबाएँ ना साथ होती,
क्या फायदा ऐसे चुप्पी का खोल कर बोल दो ना मेरा बेटा बिना तौले बेच नही सकते,
हर चीज तुम्हे मिल जाएगा तुझे खुल के बोल दो ना जो बेटी दे सकती वो अपना वस्ती भी  बेचकर तुम्हारे बेटे को खरीद सकता।
चाहिए सब कुछ जुबाएँ ना साथ होती।।
 ज्योति
मो न० 9123155481
		
अच्छी पोस्ट
धन्यवाद
वाह
वाह वाह
👏👏
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