Related Articles

मरहम

यादों की मरहम भी क्या मरहम है। बेरहम भी मरहम पर जीने लगे है।। काश.. यह मरहम मर्ज़ नहीं होते। हम और आप आज कैसे…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

मैंने खुद ही

मैंने खुद ही खींची लकीरें अपने दरम्या मैंने खुद ही बना दिये इतने धर्म मैंने खुद ही सीखा दिया भूर्ण को छल कपट मैंने खुद…

मरहम

बेहिसाब दर्द देकर मेरी रूह को वो मेरे ज़ख्मों पर मरहम लगाने आया है उससे पूछो मरहम ही है नमक छिड़कने तो नही आया है।

Responses

New Report

Close